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लोकसभा चुनाव : पत्नियों के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की जुगत में बाहुबली, राजनीतिक दलों के लिए यह दाग अच्छे हैं!
सुमित कुमार पटना : बाहुबलियों की चर्चा के बिना बिहार में चुनाव की बात अधूरी है. एक वक्त सूबे के अलग-अलग हिस्सों में इनकी तूती बोलती थी. इनके इशारों पर ही उम्मीदवारों की जीत-हार तय होती थी. इसका फायदा उठा कर इन बाहुबलियों ने पहले खुद चुनाव में किस्मत आजमायी और अब चुनाव आयोग के […]
सुमित कुमार
पटना : बाहुबलियों की चर्चा के बिना बिहार में चुनाव की बात अधूरी है. एक वक्त सूबे के अलग-अलग हिस्सों में इनकी तूती बोलती थी. इनके इशारों पर ही उम्मीदवारों की जीत-हार तय होती थी.
इसका फायदा उठा कर इन बाहुबलियों ने पहले खुद चुनाव में किस्मत आजमायी और अब चुनाव आयोग के बढ़ते दबाव की वजह से पत्नियों को सामने रख कर चुनाव लड़ने के उपाय में लगे हैं. इस लोकसभा चुनाव में करीब आधा दर्जन बाहुबली नेता पत्नी के चेहरे को आगे रख परदे के पीछे से चुनाव लड़ेंगे. येन-केन-प्रकारेण चुनाव जीतने में लगे बड़े दलों को भी इनका समर्थन लेने से गुरेज नहीं. उनके लिए यह दाग अच्छे हैं!
आधा दर्जन सीटों पर उतर सकती हैं बाहुबली नेताओं की पत्नियां
बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से करीब आधा दर्जन सीटों पर बाहुबली नेता की पत्नियां बड़े दलों से संभावित उम्मीदवार हैं. सीवान लोकसभा क्षेत्र से ही बाहुबली पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब महागठबंधन की उम्मीदवार बतायी जा रही हैं. उनके मुकाबले में मौजूदा भाजपा सांसद ओमप्रकाश का टिकट काट कर बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है.
इसी तरह मुंगेर सीट पर कांग्रेस से मोकामा के निर्दलीय बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उतारा जा सकता है. नवादा सीट से बाहुबली पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी और मुंगेर की मौजूदा लोजपा सांसद वीणा देवी का टिकट पक्का बताया जा रहा है.
शिवहर सीट से आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद, जबकि सुपौल से सांसद पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस से टिकट की दौड़ में काफी आगे हैं.
कई सीटों पर बाहुबली नेता खुद हैं दावेदार, टिकट का इंतजार
बाहुबली कहे जाने वाले ये नेता कई लोकसभा सीटों पर खुद भी दावेदारी कर रहे हैं. इनमें मधेपुरा के वर्तमान सांसद पप्पू यादव, वैशाली के सांसद रामा किशोर सिंह, पूर्व सांसद साधु यादव, पूर्व विधायक सुनील पांडेय, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी के नाम शामिल हैं. इन नेताओं पर हत्या-रंगदारी सहित कई गंभीर मामले चल रहे हैं.
पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ना चाह रहे हैं, लेकिन तेजस्वी यादव की हरी झंडी नहीं मिली है. इसी तरह राजद शासनकाल में चर्चित रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े साले साधु यादव पूर्वी चंपारण या पश्चिमी चंपारण से टिकट की होड़ में शामिल हैं.
पिछले लोकसभा चुनाव में राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश सिंह को हरा कर लोजपा सांसद बने रामा सिंह का टिकट इस बार खतरे में है. साथ ही अजीत सरकार हत्याकांड से सुर्खियों में आये पूर्व बाहुबली विधायक राजन तिवारी पश्चिमी चंपारण, जबकि तरारी (भोजपुर) के पूर्व बाहुबली विधायक सुनील पांडेय आरा लोकसभा सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनको किसी बड़े दल से आश्वासन नहीं मिला है.
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