पटना : छह माह से अतिक्रमण हटाने के बाद भी पड़ा है मिट्टी व मलबा

गांधी मैदान के होटल मौर्या से लेकर पनाश तक खाली पड़ी है 25 हजार वर्ग फुट की जमीन पटना : किसी भी जगह से अतिक्रमण हटाने के पीछे सरकार या हाइकोर्ट की मंशा रहती है कि उस अमुक मार्ग से अवरोध साफ हो या उस जगह से गंदगी हटने के साथ शहर की सूरत सुधर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2019 10:08 AM
गांधी मैदान के होटल मौर्या से लेकर पनाश तक खाली पड़ी है 25 हजार वर्ग फुट की जमीन
पटना : किसी भी जगह से अतिक्रमण हटाने के पीछे सरकार या हाइकोर्ट की मंशा रहती है कि उस अमुक मार्ग से अवरोध साफ हो या उस जगह से गंदगी हटने के साथ शहर की सूरत सुधर जाये. मगर, सरकार या हाइकोर्ट के निर्देश की हवा स्थानीय प्रशासन के अफसर व कर्मी निकाल दे रहे हैं. मामला शहर के सबसे प्रमुख क्षेत्र गांधी मैदान से जुड़ा हुआ है. यहां बीते वर्ष सितंबर माह में प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देशन में अतिक्रमण हटाने का काम किया गया था. इस दौरान होटल मौर्या से लेकर होटल पनाश के सामने की अतिक्रमित की हुई जमीन को खाली कराया गया था.
इसके बाद आयुक्त ने पथ निर्माण के नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया था कि उस जगह का सौंदर्यीकरण किया जाये. ट्रांसफार्मर व बिजली के खंभों को हटा कर, पेड़ों को काट कर उस जमीन को उपयोगी बनाया जाये. मगर लगभग छह माह बीतने के बाद भी मामला वैसे ही पड़ा हुआ है. मिट्टी, गड्ढा, पोल व गंदगी वैसे ही पड़ी हुई है, जो शहर की सूरत को खराब कर रही है.
पहले वन व ऊर्जा विभाग के कारण हुई देरी, अब नमामि गंगे का प्रोजेक्ट
पथ निर्माण विभाग के अभियंता बताते हैं कि विभाग की तरफ से उस तरह के कई कामों को तत्काल ही पूरा कर लिया गया, लेकिन जहां गांधी मैदान के पास का मामला है तो वहां पेड़ों को लेकर वन विभाग से एनओसी मिलने में देरी हुई. कुछ समय ऊर्जा विभाग ने ट्रांसफार्मर व पोल हटाने में लगा दिया. जब इन मामलों से बात आगे बढ़ी तो अब नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत अब नाला बनाने का काम किया जा रहा है. ऐसे में अब इन प्रोजेक्टों को पूरा होने के बाद ही आगे काम किया जा सकता है.
70 से 80 फुट चौड़ी निकली थी जमीन
प्रशासन व नगर निगम की टीम ने वहां से अतिक्रमण हटाने का काम किया था. वहां अवैध रूप से चल रही वाहन पार्किंग ध्वस्त की गयी थी. जिसकी वैधता दिसंबर 2017 में ही समाप्त हो गयी थी. इसके बाद प्रशासन ने जमीन की नापी करायी. जब जाकर मुख्य मार्ग से सटे ही वहां मौर्या होटल से लेकर पनाश होटल तक लगभग 70 से 80 फुट चौड़ी व लगभग 300 फुट लंबी जमीन निकल कर आयी. जिसे तोड़ कर 25 हजार वर्ग फुट के लगभग जगह खाली कराया था

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