पटना : दो आतंकी गिरफ्तार, पुलवामा के बाद जवानों के तैनाती आदेश की मिली कॉपी, इन बातों की हो रही जांच
एटीएस ने पकड़ा, एनआइए कर रही पूछताछ पटना : पुलवामा आतंकी हमले के बाद जारी खुफिया अलर्ट के क्रम में पटना जंक्शन के मोटरसाइकिल स्टैंड के पास से राज्य एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) की विशेष टीम ने दो आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया. इन दोनों को सोमवार की सुबह उस समय पकड़ा गया, जब ये […]
एटीएस ने पकड़ा, एनआइए कर रही पूछताछ
पटना : पुलवामा आतंकी हमले के बाद जारी खुफिया अलर्ट के क्रम में पटना जंक्शन के मोटरसाइकिल स्टैंड के पास से राज्य एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) की विशेष टीम ने दो आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया.
इन दोनों को सोमवार की सुबह उस समय पकड़ा गया, जब ये जंक्शन के पास स्थित मदनी मुसाफिरखाने से निकलकर ट्रेन पकड़ कर भागने के फिराक में थे. दोनों गिरफ्तार आतंकियों में खैरूल मंडल ( पिता- महाबुल मंडल) और अबु सुल्तान ( पिता- मो अब्दुल मलिक) शामिल हैं.
ये दोनों बांग्लादेश के खुलना परगना के झेनौदा जिले के महेशपुर थाने के चापातल्ला गांव के रहने वाले हैं. इसके पास से पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति से संबंधित आदेशों की छायाप्रति, आतंकी संगठनों के पोस्टर व पंपलेट बरामद किये गये हैं. गिरफ्तारी के बाद दोनों को सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां एटीएस ने उन्हें 15 दिनों के रिमांड पर मांगा.
इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी. दोनों आतंकियों से फिलहाल राज्य एटीएस के अलावा एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) की विशेष टीम भी पूछताछ कर रही है. एनआइए की टीम दोपहर में ही पटना पहुंच गयी और दोनों से पूछताछ शुरू कर दी है. इन दोनों के ताल्लुकात बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन से है और ये इस्लामिक स्टेट बांग्लादेश (आइएसबीडी) के सक्रिय सदस्य भी हैं.
ये दोनों किसी तरह से सीरिया जाकर आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट) में शामिल होना चाहते थे. ये दोनों आतंकी बिना किसी पासपोर्ट या विजा के अवैध रूप से बांग्लादेशी सीमा पार करके यहां तक पहुंचे थे. उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी मतदाता पहचानपत्र बनवा रखा था. इन्हीं फर्जी पहचानपत्रों का उपयोग इन लोगों ने कई स्थानों पर किया है.
दोनों बांग्लादेशी जमात-उल-मुजाहिद्दीन व इस्लामिक स्टेट से हैं जुड़े
इन बातों की हो रही जांच
दोनों आतंकियों ने कितने दिन किस स्थान पर अपना डेरा डाला, कौन-कौन लोग इनसे मिले
इनकी साजिश क्या थी, क्या इनका कोई स्लीपर सेल भी कहीं मौजूद है, खासकर बिहार में
इनकी फंडिंग कहां से हो रही थी, पैसे कैसे इनके पास पहुंच रहे थे.
क्या-क्या और कहां की कितनी रेकी की है
ये जिस सिम का उपयोग कर रहे थे, उसे कहां से लिया और कब एक्टिवेट किया
ये सामान हुए बरामद
आतंकी पोस्टर
पुलवामा हमले की पेपर कटिंग, जवानों की प्रतिनियुक्ति के आदेश की कॉपी
तीन मोबाइल फोन
दो फर्जी वोटर आइडी कार्ड
एक फर्जी पैन कार्ड
दिल्ली से हावड़ा व गया से पटना का रेल टिकट, कोलकाता से गया का बस का टिकट
पुलवामा हमले से जुड़ी खबरों की कटिंग व आतंकी पोस्टर भी बरामद
दो आतंकियों के पास कोई हथियार बरामद नहीं हुआ हैं, लेकिन कई संदिग्ध कागजात मिले हैं. इनमें इस्लामिक स्टेट और कई अन्य आतंकी संगठनों के पोस्टरों के अलावा पुलवामा आतंकी हमले से जुड़ी तमाम खबरों की बड़ी संख्या में पेपर कटिंग व पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में अर्घसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति से संबंधित आदेशों की छायाप्रति भी शामिल हैं.
फिलहाल इन कागजातों की जांच चल रही है. साथ ही ये कागजात इनके पास आये कहां से और इससे ये क्या करने वाले थे. हालांकि पुलवामा अटैक को जैश-ए-मोहम्मद (जैश) नामक आतंकी संगठन ने अंजाम दिया था. फिलहाल इस बात की खासतौर से जांच चल रही है कि पकड़े गये दोनों आतंकियों का जैश से क्या संबंध है.
पटना से पहले गया में रुके थे 11 दिन, महाबोधि मंदिर की रेकी की थी
ये दोनों आतंकी पटना आने से पहले कोलकाता, केरल, दिल्ली के अलावा बोधगया भी घूम चुके हैं. इससे पहले 11 दिनों तक गया में रुके थे और बोधगया के महाबोधि मंदिर की अच्छी तरह से रेकी की थी.
इसके अलावा कुछ अन्य बौद्ध स्थलों की भी रेकी की थी, जिसकी जानकारी इनसे पूछताछ के दौरान ली जा रही है. ये दोनों जहां-जहां गये, वहां के कुछ मुस्लिम युवकों से भी मुलाकात की और उन्हें अपने साथ जोड़ने का भी प्रयास किया है.
यह समझा जा रहा है कि गया में इनके कुछ स्लीपर सेल हो सकते हैं, जिनसे लगातार संपर्क में ये लोग थे. इनसे प्राप्त जानकारी के आधार पर उनलोगों की पहचान की जा रही है. इसके अलावा इन्होंने अपने भ्रमण के दौरान भी कई लोगों से संपर्क किया और कुछ लोगों ने इनकी कई स्तर पर मदद भी की है. उनकी पहचान भी चल रही है.