यासीन भटकल ने भी मीडिया के सामने किया था ऐसा ही इशारा
पटना : पटना जंक्शन के मुसाफिरखाने के पास पकड़े गये आंतकी अबू ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासिन भटकल की तरह ही अपनी इंडेक्स उंगली उठा कर इशारा किया.
यह इशारा किस बात का है, इस पर पुलिस अनुसंधान कर रही है. इसी तरह 30 अगस्त, 2013 को पकड़े गये आतंकी यासिन ने भी पूछताछ के दौरान बीएमपी पांच में मीडिया को देख कर अपनी इंडेक्स उंगली उठायी थी. यासिन को भारत-नेपाल के बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. उस समय यासिन भटकल की उंगली से इशारे का मतलब किसी की समझ में नहीं आया था. लेकिन 27 नवंबर को हुंकार रैली के दौरान सीरियल बम ब्लास्ट की घटना हुई थी. इसी प्रकार सोमवार की रात अबू व खैरुल मंडल को जब कड़ी सुरक्षा में जेल ले जाया जा रहा था, तो अबू ने भी उसी तरह से उंगली का इशारा किया.
जबकि दोनों आतंकियों के चेहरे ढके हुए थे और मीडिया की ओर देख कर जान-बूझ कर उंगली का इशारा देकर किसी प्रकार मैसेज देने का प्रयास किया. विदित हो कि दोनों आतंकियों को पटना जंक्शन के पास स्थित मदनी मुसाफिरखाने के नजदीक से बिहार एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था. ये दोनों ही प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमीयत उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश और इस्लामिक स्टेट बांग्लादेश के सक्रिय सदस्य हैं.
आतंकी संगठन आइएसआइएस के सदस्य करते हैं इंडेक्स उंगली उठा कर इशारा : जिस तरह से बांग्लादेशी आतंकी ने अपनी इंडेक्स उंगली को उठा कर इशारा किया है, उसी तरह उंगली उठा कर आतंकी संगठन आइएसआइएस के सदस्य इशारा करते हैं. एक तरह से आइएसआइएस संगठन ने इसे प्रतीक के रूप में बना रखा है. जबकि इस तरह से इंडेक्स उंगली उठाना शक्ति व विजयी होने के प्रतीक के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है. लेकिन आइएसआइएस के लिए इसका अर्थ भयावह रूप में हैं. आइएसआइएस अगर इस इशारे का उपयोग करता है, तो इसका अर्थ यह है कि पश्चिम का विनाश हो और पूरी दुनिया पर वे हावी होंगे.
प्रधानमंत्री की सभा में गड़बड़ी फैलाने पहुंचे थे दोनों आतंकी
पटना : लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया व जमुई में दो अप्रैल को सभा होनी है. इन दोनों ही जगहों पर होने वाली सभा में गड़बड़ी फैलाने के लिए दोनों आतंकी अबू व खैरुल बिहार पहुंचे थे. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर खुफिया विभाग, एटीएस बिहार में नजर रख रही थी, क्योंकि 27 नवंबर 2017 को आतंकियों ने पटना में सीरियल बम ब्लास्ट किया था.
इसके अलावा गया में भी ब्लास्ट किये गये थे. इसी सतर्कता के कारण दोनों आतंकी पकड़े गये. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री का कार्यक्रम गया में भी है. पकड़े गये दोनों आतंकी करीब 11 दिनों से गया में जमे हुए थे. इसके साथ ही बांग्लादेश से दोनों आतंकी कोलकाता पहुंचे और फिर वहां से बस से गया पहुंचे. इसकी पुष्टि कोलकाता से पटना आने के लिए ली गयी बस टिकट की बरामदगी से हुई. ये कोलकाता से सीधे पटना आ सकते थे, लेकिन गया जाने का उनका मकसद गड़बड़ी फैलाने की शंका की पुष्टि करता है. इसके बाद गया से दोनों पटना पहुंचे. इसका यह अर्थ है कि वे अब जमुई की ओर निकलते और वहां भी गड़बड़ी फैलाने की सेटिंग करते.
इससे पहले की घटना में भी की गयी थी रेकी
सूत्रों के अनुसार अगर 23 नवंबर, 2013 को हुए सीरियल ब्लास्ट की घटना की जांच के बाद आये तथ्यों पर गौर करें, तो यह पता चलेगा कि किस तरह से पटना में सीरियल बम ब्लास्ट करने की योजना इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने बनायी थी और किस तरह से एक-एक जगह की रेकी की गयी थी.
गांधी मैदान व पटना जंक्शन की हर चप्पे-चप्पे की जानकारी लेने के लिए इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्य घटना को अंजाम देने से पूर्व पटना आये थे. पूर्व में हुई घटनाओं के कारण इन दोनों की भूमिका भी पीएम की होने वाली सभा को लेकर संदिग्ध मानी जा रही है. खास बात है कि 2013 में ब्लास्ट की घटना के बाद स्पष्ट हुआ था कि आतंकी जंक्शन के आसपास सक्रिय थे.