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10वें लोकसभा चुनाव का हाल, झारखंड मुक्ति मोर्चा का दिखा था जलवा, कांग्रेस को एक, भाजपा को मिलीं पांच सीटें

पटना : नौवें लोकसभा चुनाव 1989 के बाद 16 महीने के बाद ही 1991 में 10वां लोकसभा चुनाव कराया गया. वी पी सिंह के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार नहीं चल पायी. यह देश के इतिहास में तीसरा मध्यावधि चुनाव था. संयुक्त बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ कर 23 अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का कोई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2019 6:04 AM
पटना : नौवें लोकसभा चुनाव 1989 के बाद 16 महीने के बाद ही 1991 में 10वां लोकसभा चुनाव कराया गया. वी पी सिंह के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार नहीं चल पायी. यह देश के इतिहास में तीसरा मध्यावधि चुनाव था.
संयुक्त बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ कर 23 अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का कोई जादू नहीं चल पाया. एक भी निर्दलीय उम्मीदवार जीत नहीं पाये. कांग्रेस को एक सीट व भाजपा को पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा था. चुनाव में उतरे सीपीआइ के सभी आठ उम्मीदवार सीट निकालने में कामयाब रहे. यह पहला अवसर था जब सीपीआइ के सभी उम्मीदवार जीते. सीपीएम के एक उम्मीदवार को सफलता मिली. जनता दल के 36 में 31 उम्मीदवार जीतने में सफल रहे.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के छह उम्मीदवार रहे सफल : चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के आठ में से छह उम्मीदवार जीतने में सफल रहे. इसमें राजमहल सुरक्षित से साइमन मरांडी, गोड्डा से सूरज मंडल , गिरिडीह से विनोद बिहारी महतो, जमशेदपुर से शैलेंद्र महतो, सिंहभूम सुरक्षित से कृष्णा मरांडी व दुमका सुरक्षित से शिबू सोरेन चुनाव जीते.
सीपीआइ के सभी आठ उम्मीदवार कामयाब रहे. मधुबनी से भोगेंद्र झा, बलिया से सूर्य नारायण सिंह, बक्सर से तेज नारायण सिंह व जहानाबाद से रामाश्रय प्रसाद सिंह अपना सीट बचाने में सफल रहे. इसके अलावा मोतिहारी से के एम मधुकर, मुंगेर से ब्रह्मानंद मंडल, नालंदा से विजय कुमार यादव व हजारीबाग से भुवनेश्वर प्रसाद मेहता चुनाव जीते.
सीपीएम ने एकमात्र उम्मीदवार प्रेमचंद राम को चुनाव मैदान में उतारा था. वे नवादा सुरक्षित से कामयाब रहे.54 सीटों पर हुए चुनाव में 835 निर्दलीय उम्मीदवार में एक भी सफल नहीं रहे. वहीं 23 क्षेत्रीय पार्टियों के 152 उम्मीदवार भी कामयाब नहीं हुये. जनता पार्टी के 48, लोकदल के 17 व आइसीएस सोशलिस्ट के 17 उम्मीदवार असफल रहे.
कांग्रेस को एक, भाजपा को मिलीं पांच सीटें
कांग्रेस के 51 में मात्र एक उम्मीदवार बेगूसराय से कृष्णा शाही जीती. भाजपा के 51 उम्मीदवार में धनबाद से रीता वर्मा, खूंटी सुरक्षित से करिया मुंडा, लोहरदग्गा सुरक्षित से ललित ओरांव, पलामू सुरक्षित से रामदेव राम व रांची से राम टहल चौधरी चुनाव जीते.संयुक्त बिहार में कांग्रेस को मात्र एक सीट मिली, लेकिन देश में कांग्रेस की सरकार बनी. पीवी नरसिंहा राव प्रधानमंत्री बने.

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