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11वीं लोकसभा ने देखे तीन प्रधानमंत्री, 13 दिनों में गिर गयी थी वाजपेयी सरकार

पटना : देश में 11वां लोकसभा चुनाव 1996 में हुआ. चुनाव परिणाम के बाद त्रिशंकु संसद बना. दो साल के अंदर ही तीन प्रधानमंत्री बने. संसद में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने का आमंत्रण मिला. अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 मई को प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला, लेकिन […]

पटना : देश में 11वां लोकसभा चुनाव 1996 में हुआ. चुनाव परिणाम के बाद त्रिशंकु संसद बना. दो साल के अंदर ही तीन प्रधानमंत्री बने. संसद में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी को सरकार बनाने का आमंत्रण मिला. अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 मई को प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला, लेकिन समर्थन नहीं जुटा पाने के कारण 13 दिनों के बाद ही उनकी सरकार गिर गयी.
इसके बाद जनता दल के नेता एचडी देवेगौड़ा ने संयुक्त मोर्चा गठबंधन सरकार का गठन कर एक जून 1996 को प्रधानमंत्री का पद संभाला. उनकी सरकार लगभग 11 महीने चली. इसके बाद 21 अप्रैल 1997 को इंद्र कुमार गुजराल तीसरे प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. दो साल तक राजनीतिक अस्थिरता के बाद 1998 में पुन: लोकसभा चुनाव हुआ. चुनाव में सबसे अधिक सीट मिलने वाली भाजपा को संयुक्त बिहार में 32 उम्मीदवार में 18 व कांग्रेस के 54 उम्मीदवार में मात्र दो उम्मीदवार जीते. जनता दल के 44 में 22 उम्मीदवार कामयाब रहे.
क्षेत्रीय पार्टियों को नहीं मिली सफलता : संयुक्त बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा व समाजवादी पार्टी को मात्र एक-एक सीट पर सफलता मिली. झामुमो के 18 में दुमका सुरक्षित क्षेत्र से शिबू सोरेन चुनाव जीतने में सफल रहे. पूर्णिया से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव सफल रहे. 1103 निर्दलीय उम्मीदवार में एकमात्र बेगूसराय से रमेंद्र कुमार चुनाव जीते. बाकी 24 क्षेत्रीय पार्टियों के 121 उम्मीदवार अपना जलवा नहीं दिखा सके.
समता पार्टी ने जीतीं छह सीटें
1994 में समता पार्टी के गठन के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारा. संयुक्त बिहार में 20 में से छह उम्मीदवार चुनाव जीत गये. इसमें पार्टी के गठन करने वाले जाॅर्ज फर्नांडिस नालंदा व नीतीश कुमार बाढ़ से चुनाव जीत गये. बगहा सुरक्षित से महेंद्र बैठा, महाराजगंज से राम बहादुर सिंह, शिवहर से आनंद मोहन व मुंगेर से ब्रह्मानंद मंडल सफल रहे. सीपीआइ के सात में तीन सीट मधुबनी से चतुरानन मिश्र, बलिया से शत्रुघ्न प्रसाद सिंह व जहानाबाद से रामाश्रय प्रसाद सिंह कामयाब रहे. कांग्रेस 54 में दो सीट कटिहार से तारिक अनवर व राजमहल सुरक्षित क्षेत्र से थाॅमस हंसदा चुनाव जीत गये. कांग्रेस से अलग बनी पार्टी इंदिरा कांग्रेस तिवारी के 39, सीपीएम के तीन व जनता पार्टी के दो उम्मीदवार सीट निकालने में असफल रहे.

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