पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वोट बैंक की राजनीति करनेवाली कांग्रेस हमेशा से आतंकियों, अलगाववादियों और उग्रवादियों के प्रति नरमी बरतती रही है. इसीलिए अफजल गुरु की फांसी का विरोध, टाडा, पोटा जैसे आतंकरोधी कानूनों को समाप्त करनेवाली कांग्रेस को आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की सबूत चाहिए.
राजीव गांधी के कार्यकाल में पंजाब के खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बने टाडा कानून को बाद में मुस्लिम विरोधी बता कर कांग्रेस की नरसिंह राव की सरकार ने वापस ले लिया था. कांग्रेस के विरोध के कारण ही लोकसभा से जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ‘पोटा’ कानून को पारित नहीं करा पायी, तो संयुक्त अधिवेषण बुला कर पास किया, जिसे सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने समाप्त कर दिया.
1993 के सीरियल बम बलास्ट और 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटानेवाली कांग्रेस को संसद पर आतंकी हमले के साजिशकर्ता अफजल गुरु को सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा मिलने के बाद कानूनी लड़ाई लड़ने तक में संकोच नहीं हुआ. बटाला हाउस एनकाउंटर पर सोनिया गांधी के घड़ियाली आंसू बहानेवाली कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का जेएनयू में जाकर ‘देश के टुकड़े-टुकड़े करने’ का नारा लगानेवाले देशद्रोहियों तथा प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रच रहे ‘शहरी माओवादियों’ के पक्ष में खड़ा होना भी शर्मनाक रहा.
तुष्टिकरण की नीति के कारण कांग्रेस के लिए आतंकवाद और मुस्लिम विरोधी कानून में कभी अंतर नहीं रहा. इसीलिए पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सरकार को कोसनेवाली कांग्रेस ‘एयर स्ट्राइक’ की सबूत मांगने में जुट गयी थी.