एनडीए व महागठबंधन ने अगड़ी जातियों के 19 को उम्मीदवार बनाया, 24 सांसद मैदान में, 22 पहली बार लड़ेंगे
एनडीए व महागठबंधन ने अगड़ी जातियों के 19 को उम्मीदवार बनाया पटना : राज्य की 40 सीटों के लिए होने वाले लोकसभा चुनाव की तस्वीर साफ होने लगी है. अधिकतर सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के नाम का एलान हो चुका है. चुनिंदा सीटों पर ही जिच है. अब तक की जारी सूची […]
एनडीए व महागठबंधन ने अगड़ी जातियों के 19 को उम्मीदवार बनाया
पटना : राज्य की 40 सीटों के लिए होने वाले लोकसभा चुनाव की तस्वीर साफ होने लगी है. अधिकतर सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों के नाम का एलान हो चुका है. चुनिंदा सीटों पर ही जिच है.
अब तक की जारी सूची के मुताबिक सोलहवीं लोकसभा के 22 सांसदों को फिर से राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार बनाया है. जबकि, राज्यसभा के दो सदस्य केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना साहिब और राजद की मीसा भारती पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से उम्मीदवार होंगी.
10 पूर्व सांसद भी इस बार विभिन्न दलों से किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं, पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने वालों की संख्या 22 है. इनमें 12 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनका चुनावों से पहली बार वास्ता पड़ा है. बाकी के 10 प्रत्याशियों को विधानसभा के चुनाव लड़ने का अनुभव है. दो मौजूदा सांसदों को इस बार चुनाव लड़ने का तो मौका मिल रहा, पर उन्हें इसके लिए दूसरे दलों का सहारा लेना पड़ा. ऐसे सांसदों में शत्रुघ्न सिन्हा और तारिक अनवर हैं.
एनडीए और महागठबंधन ने अगड़ी जाति के 19 नेताओं को उम्मीदवार बनाया है. इनमें सर्वाधिक राजपूत जाति के 11 उम्मीदवार उतारे गये हैं.
भाजपा ने पांच, जदयू और लोजपा ने एक-एक, राजद ने तीन और कांग्रेस ने एक उम्मीदवार इस वर्ग से दिया है. बाकी के आठ उम्मीदवारों मेें चार भूमिहार गिरिराज सिंह, ललन सिंह, चंदन कुमार और नीलम देवी, दो कायस्थ रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा और दो ब्राहम्ण अश्विनी चौबे व गोपालजी ठाकुर उम्मीदवार हैं. एनडीए ने सिर्फ दो मुसलमान को उम्मीदवार बनाया है. जदयू ने किशनगंज से महमूद अशरफ को उम्मीदवार बनाया है. जबकि, दूसरा लोजपा से महबूबअली कैसर खगड़िया से उम्मीदवार बनाये गये हैं.
कुशवाहा बिरादरी के छह प्रत्याशी बनाये गये हैं. इनमें अकेले तीन रालोसपा से और तीन जदयू से हैं. जबकि, महागठबंधन में मुसलमान उम्मीदवारों की संख्या छह है. इनमें दरभंगा से अब्दुल बारी सिद्दीकी, सीवान से हिना शहाब, बेगूसराय से तनवीर हसन, अररिया से सरफराज आलम के नाम हैं.
कांग्रेस से किशनगंज से मो जावेद और कटिहार से तारिक अनवर के नाम हैं. पिछड़ी जातियों में यादव जाति से सबसे अधिक 13 उम्मीदवार उतारे गये हैं. अकेले राजद के आठ उम्मीदवारों में पाटलिपुत्र से मीसा भारती, सारण से चंद्रिका राय, मधेपुरा से शरद यादव, सीतामढ़ी से अर्जुन राय, नवादा से विभा देवी, जहानाबाद से सुरेंद्र यादव, झंझारपुर से गुलाब यादव और बांका से जयप्रकाश नारायण यादव को उम्मीदवार बनाया गया है.
भाजपा ने तीन उजियारपुर से नित्यानंद राय, पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव और मधुबनी से अशोक यादव को उम्मीदवार बनाया है. जदयू ने मधेपुरा में दिनेश चंद्र यादव और बांका से गिरिधारी यादव को मौका दिया है. अतिपिछड़ी जातियों से 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
जदयू ने पांच, भाजपा में दो, राजद में एक बुलो मंडल, वीआइपी में मुकेश सहनी और राजकिशोर चौधरी, हम से उपेंद्र प्रसाद और नालंदा से अशोक आजाद के नाम हैं. भाजपा ने अररिया में प्रदीप सिंह और मुजफ्फरपुर में अजय निषाद को उम्मीदवार बनाया है. इस वर्ग से जदयू ने पांच उम्मीदवार दिये, जिनमें कटिहार से दुलालचंद गोस्वामी, सुपौल से दिलेश्वर कामत, जहानाबाद से चंद्रेश्वर चंद्रवंशी, भागलुपर से
अजय मंडल और झंझारपुर से रामप्रीत मंडल को उम्मीदवार बनाया है. राजद से बुलो मंडल अतिपिछड़ी जाति के उम्मीदवार हैं.
पहली बार ये हैं चुनाव मैदान में :
पहली बार चुनाव मैदान में आने वालों में नीलम देवी मुंगेर, नालंदा से अशोक आजाद, मुजफ्फरपुर से राजभूषण चौधरी, खगड़िया से मुकेश सहनी, नवादा से विभा देवी और चंदन कुमार, गोपालगंज से डाॅ आलोक सुमन और सुरेंद्र राम, वैशाली से वीणा देवी, सीतामढ़ी से डाॅ वरुण कुमार, झंझारपुर से रामप्रीत मंडल, किशनगंज से महमूद अशरफ के नाम शामिल हैं.