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नीतीश की महागठबंधन में वापसी के लालू का दावा खोखला: प्रशांत किशोर

पटना : चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने कहा है कि जदयू नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी को लेकर किया गया राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का दावा ‘खोखला’ है. किशोर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जैसा लालू जी का दावा बताया गया है, वह खोखला है. यह कुछ […]

पटना : चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने कहा है कि जदयू नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी को लेकर किया गया राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का दावा ‘खोखला’ है. किशोर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जैसा लालू जी का दावा बताया गया है, वह खोखला है. यह कुछ और नहीं, बल्कि उस एक नेता के द्वारा प्रासंगिकता पाने का कमजोर प्रयास है, जिसके अच्छे दिन बीत चुके हैं.” वह शीघ्र ही प्रकाशित होनेवाली लालू की आत्मकथा के कुछ हिस्सों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘हां, जदयू में शामिल होने से पहले हम कई बार मिल चुके हैं, लेकिन अगर मैं यह बताऊं कि क्या बातचीत हुई, तो उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी.”

किशोर ने साल 2015 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में कुमार और प्रसाद, दोनों के साथ मिलकर काम किया था. उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित उस समाचार का भी साझा किया, जिसने राजद प्रमुख के हवाले से कहा गया प्रतीत हुआ कि किशोर ऐसा संकेत दे रहे हैं. अगर वह (प्रसाद) लिखित में यह आश्वासन दें कि उनकी पार्टी जदयू का समर्थन करती है, तो वह (कुमार) भाजपा गठबंधन से नाता तोड़ लेंगे और महागठबंधन में शामिल हो जायेंगे.

जदयू के पूर्व अध्यक्ष एवं अब राजद के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे शरद यादव ने मधेपुरा में संवाददाताओं से कहा कि यह बात सच है कि नीतीश ने राजग से बाहर आने के लिए व्याकुलता से प्रयास किये हैं. कई स्तरों पर बातचीत हुई है. किशोर भी इसमें शामिल हो सकते हैं. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि किशोर एक रणनीतिकार हैं, जो इस क्षमता से बड़ी संख्या में लोगों से मिलते हैं. वह कुमार और प्रसाद के साथ बतौर रणनीतिकार 2015 में काम कर चुके ं और यह हो सकता है कि वह इसके बाद राजद प्रमुख के संपर्क में आये हों, लेकिन वजह वह नहीं हो सकती, जैसा कि जेल में बंद नेता ने कही है.

मालूम हो कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने नलिन वर्मा के साथ मिलकर ‘गोपालगंज टु रायसीना: माय पॉलिटिकल जर्नी’ किताब लिखी है.यह किताब रिलीज होने के पहले ही विवादों में आ गयी है. कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद ने ‘गोपालगंज टु रायसीना: माय पॉलिटिकल जर्नी’ किताब में सियासत से जुड़े कई खुलासे किये गये हैं. किताब में दावा किया गया है कि जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश के दूत बन कर पांच मौकों पर मुलाकात की थी.

https://twitter.com/PrashantKishor/status/1114022017898958849?ref_src=twsrc%5Etfw

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