बिहार में शीर्ष नेताओं में नहीं टूटा भाषा का संयम, संयमित शब्दों में हो रहे एक-दूसरे पर हमले

पटना : उत्तर प्रदेश में जिस तरह से चुनावी प्रचार में शब्दों की मर्यादा तार-तार हो रही है. उससे विपरीत बिहार में अब तक शीर्ष नेताओं ने भाषायी संयम को बरकरार रखा है. प्रवक्ताओं की लेखनी को अलग कर दें, तो राज्य के बड़े नेताओं की जुबां नहीं फिसली है. यह अलग बात है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2019 6:17 AM
पटना : उत्तर प्रदेश में जिस तरह से चुनावी प्रचार में शब्दों की मर्यादा तार-तार हो रही है. उससे विपरीत बिहार में अब तक शीर्ष नेताओं ने भाषायी संयम को बरकरार रखा है. प्रवक्ताओं की लेखनी को अलग कर दें, तो राज्य के बड़े नेताओं की जुबां नहीं फिसली है. यह अलग बात है कि यूपी के नेताओं पर हुई कार्रवाई के अगले दिन ही बिहार के कटिहार में कांग्रेसी नेता नवजोत सिह सिद्धू का भाषण विवादों में पड़ गया है.
बिहार के नेताओं में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी शैली के अनुसार संयमित भाषणों के माध्यम से चुनाव प्रचार कर रहे हैं. राज्य के प्रमुख विपक्षी दल राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव का हमला राज्य सरकार पर हो रहा है. पर, वह अपने को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भतीजा बता कर राजनीतिक हमला कर रहे हैं.
तेजस्वी यादव, लोजपा नेता चिराग को बड़े भाई से संबोधित कर रहे हैं. जबकि, यूपी में शीर्ष के तीन बड़े नेता मायावती, योगी आदित्यनाथ और आजम खान की जुबां फिसल चुकी है. यह स्थिति बिहार के लोकसभा चुनाव में अब तक नहीं आयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं. वह विपक्ष पर भी हमला करते हैं, तो बिना किसी का नाम लिये.इसके जवाब में राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, नीतीश कुमार को चाचा शब्द के साथ संबोधित करते हैं.

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