पटना : इस सीट पर जातीय गोलबंदी हो गयी है तेज, कर्ण की भूमि मुंगेर में ललन-नीलम में टक्कर

पटना : महाभारत के एक प्रसिद्ध पात्र दानवीर कर्ण की भूमि से बंदूक बनाने वाले कुटीर उद्योग के रूप में बदल चुके मुंगेर में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी दिखने लगी है. यहां दो बड़े ताकतवर उम्मीदवारों के बीच सीधी भिड़ंत है. एनडीए ने नीतीश सरकार में मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को चुनाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2019 6:29 AM
पटना : महाभारत के एक प्रसिद्ध पात्र दानवीर कर्ण की भूमि से बंदूक बनाने वाले कुटीर उद्योग के रूप में बदल चुके मुंगेर में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी दिखने लगी है. यहां दो बड़े ताकतवर उम्मीदवारों के बीच सीधी भिड़ंत है.
एनडीए ने नीतीश सरकार में मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, उनके मुकाबले महागठबंधन ने कांग्रेस के टिकट पर निर्दलीय विधायक अनंत कुमार सिंह की पत्नी नीलम सिंह को उम्मीदवार बनाया है. पहले अनंत सिंह ने यहां से अपने को उम्मीदवार घोषित किया था. बाद में टिकट उनकी पत्नी को मिला. खेती किसानी, रोजगार व नक्सल समस्या से जूझ रहे मुंगेर में जातीय गोलबंदी तेज हो गयी है. यहां अतिपिछड़ी जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं. पिछले चुनाव में राजद ने एक नये प्रत्याशी प्रगति मेहता को उम्मीदवार बनाया था.
उनके मुकाबले एनडीए में लोजपा की वीणा देवी को जीत मिली थी. प्रगति मेहता तीसरे नंबर पर रहे थे. जबकि, दूसरे स्थान पर जदयू के उम्मीदवार राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह रहे थे. उन्हें दो लाख 43 हजार 827 वोट मिले थे. जबकि, राजद उम्मीदवार को एक लाख 82 हजार वोट मिले थे. चुनाव जीतने वाली लोजपा की वीणा देवी को तीन लाख 52 हजार से अधिक वोट आये थे.
दूरियां बढ़ीं
ललन सिंह और अनंत सिंह के बीच की टकराहट को लेकर मुुंगेर की सीट पर देश भर की नजर है. इलाके के लोग बताते हैं, ललन सिंह और अनंत सिंह कभी एक&दूसरे के मददगार हुआ करते थे.
हाल के दिनों तक दोनों एक ही दल जदयू के सदस्य थे. अब अनंत सिंह जदयू से बाहर हैं. बाद के दिनों में राजनीतिक कारणों से दोनों की दूरियां बढ़ीं. अब एक-दूसरे के सामने खड़े हैं. यहां पांचवें चरण में मतदान होना है. जैसे-जैसे वोट का दिन करीब आते जा रहा है, मुंगेर में सियासी तपिश बढ़ती जा रही है. ललन सिंह लगातार इलाके में सभा कर रहे हैं. वहीं, अनंत सिंह का काफिला भी छोटे-छोटे इलाकों में भी दस्तक दे रहा है.
दलित व मुस्लिम वोटरों पर नजर
एनडीए उम्मीदवार ललन सिंह को परिसीमन के बाद हुए पहले के दो लोकसभा चुनाव का अच्छा खासा अनुभव रहा है. 2009 में उन्हें जीत हासिल हुई थी. जबकि, पिछले चुनाव में उन्हें दूसरे नंबर पर रहना पड़ा था.
इस बार उनकी नजर अपने स्वजातीय मतदाताअों के अलावा, अतिपिछड़ी जाति और दलित व मुस्लिम वोटरों पर भी टिकी है. कांग्रेस उम्मीदवार अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के समक्ष अपने स्वजातीय मतदाताओं में सेंधमारी के अलावा राजद के मजबूत माय समीकरण को साधने की चुनौती है.

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