पटना : 8वीं का सर्टिफिकेट बना जी का जंजाल, जुगाड़ में डीएल आवेदक

पटना : सर्वोच्च न्यायालय दो वर्ष पहले ही निर्देश दे चुका है कि ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों के लिए केवल किसी एक भाषा में साक्षर होना जरूरी है. देश के ज्यादातर राज्यों ने इसे लागू भी कर दिया है. लेकिन बिहार के केवल तीन जिलों पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में ही इसे अब तक लागू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2019 9:12 AM
पटना : सर्वोच्च न्यायालय दो वर्ष पहले ही निर्देश दे चुका है कि ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों के लिए केवल किसी एक भाषा में साक्षर होना जरूरी है. देश के ज्यादातर राज्यों ने इसे लागू भी कर दिया है. लेकिन बिहार के केवल तीन जिलों पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में ही इसे अब तक लागू किया गया है और पटना समेत प्रदेश के 35 जिला परिवहन कार्यालय में डीएल बनवाने के लिए अब भी आठवीं पास होने के प्रमाणपत्र की अनिवार्यता लागू है. इसलिए नॉन मैट्रिक आवेदकों को इससे काफी परेशानी हो रही है.
आठवीं पास होने पर स्कूल द्वारा अंकपत्र के अलावा अलग से कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता है. कई लोग इसे सहेज कर नहीं रख पाते हैं. ऐसे में आवेदक के पास एकमात्र विकल्प स्कूल के लेटरपैड पर या उसके मुहर के साथ प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर का एक प्रमाणपत्र लिखवाकर देना है, जहां से उसने आठवीं की परीक्षा पास की हो. इसके कारण लोगों को व्यर्थ की परेशानी का सामना करना पड़ता है.
साक्षरता की जांच की व्यवस्था नहीं
हमारे पास किसी आवेदक के साक्षरता की जांच की व्यवस्था नहीं है. इसलिए हमलोग आठवीं पास होने का प्रमाणपत्र मांगते हैं. कॉमर्शियल लाइसेंस के लिए तो यह एकदम अनिवार्य है. जब कंप्यूटर पर परीक्षा या किसी अन्य तरह से जांच की व्यवस्था हो जायेगी, तब यह अनिवार्यता समाप्त होगी.
अजय कुमार ठाकुर, डीटीओ पटना
दो मिनट में पढ़ाकर हो सकती है साक्षरता की जांच
यदि साक्षरता के जांच की व्यवस्था नहीं है, तो डीटीओ व्यवस्था करे. किसी व्यक्ति के साक्षर होने की जांच दो मिनट के भीतर पढ़ा कर की जा सकती है. आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए जल्द आठवीं पास की अनिवार्यता समाप्त होनी चाहिए.
राजकुमार झा, महासचिव, ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कस फेडरेशन

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