पटना : तथ्य छिपा जमानत के लिए केस फाइल करने वाले पर प्राथमिकी का निर्देश

पटना : एक अभियुक्त द्वारा अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को छिपा कर पटना हाइकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी देना महंगा पड़ गया. कोर्ट ने गलत शपथपत्र दायर करने को लेकर एक ओर जहां शपथकर्ता पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. वहीं, प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश संबंधित पुलिस पदाधिकारी को भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2019 9:12 AM
पटना : एक अभियुक्त द्वारा अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को छिपा कर पटना हाइकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी देना महंगा पड़ गया.
कोर्ट ने गलत शपथपत्र दायर करने को लेकर एक ओर जहां शपथकर्ता पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. वहीं, प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश संबंधित पुलिस पदाधिकारी को भी दिया है. दूसरी ओर याचिकाकर्ता की जमानत याचिका को भी पटना हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है. न्यायाधीश शिवाजी पांडेय की एकलपीठ ने अभियुक्त ओम प्रकाश यादव द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अभियुक्त ने अपनी जमानत याचिका में लिखा था कि इस केस के अलावा अन्य कोई आपराधिक मामला उसके खिलाफ लंबित नहीं है.
मामले पर जब सुनवाई चल रही थी, उसी वक्त जमानत का विरोध करते हुए सूचक के वकील ने कहा कि अभियुक्त ने अपने जमानत के आवेदन में सही जानकारी नहीं दी है. मालूम हो कि इसी अदालत (न्यायाधीश शिवाजी पांडेय ) द्वारा एक अन्य मामले में अभियुक्त की जमानत के आवेदन को पहले खारिज किया जा चुका है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जिस व्यक्ति द्वारा शपथपत्र दायर किया गया है उसके खिलाफ राज्य सरकार एफआइआर दर्ज करे और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी उससे इसके लिए वसूले. मामला कैमूर जिले के मोहनिया थाना से संबंधित है.

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