लोकसभा चुनाव : JDU ने चुनाव आयोग से RJD उम्मीदवारों का नामांकन रद्द करने का अनुरोध किया

पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में अपने हस्ताक्षर से पार्टी के टिकट बांटने के लिए यदि अदालत की इजाजत नहीं ली है, तो इन टिकटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामांकन को अवैध घोषित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2019 12:37 PM

पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में अपने हस्ताक्षर से पार्टी के टिकट बांटने के लिए यदि अदालत की इजाजत नहीं ली है, तो इन टिकटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामांकन को अवैध घोषित किया जाना चाहिए.

जनता दल (यूनाइटेड) के एमएलसी एवं प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस सिलसिले में बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को एक पत्र लिखा है. जदयू प्रवक्ता के इस पत्र पर प्रतिक्रया जाहिर करते हुए राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इसे सत्तारूढ़ दल का ‘विधवा विलाप’ करार दिया, जिसे इस बात की आशंका है कि वह इस चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पायेगा. उन्होंने कहा कि दो चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद जदयू को अचानक यह महसूस हुआ है.

नीरज कुमार ने पत्र में लिखा है, ‘लालू एक पार्टी (राजद) के अध्यक्ष भी हैं और लोकसभा चुनाव में अपने हस्ताक्षर से ही टिकट भी बांटे हैं. क्या टिकट बांटने में हस्ताक्षर करने के लिए उन्होंने अदालत से आदेश लिया है. अगर नहीं, तो उनके द्वारा बांटे गये टिकट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामांकन को अवैध घोषित किया जाना चाहिए.’ उन्होंने पत्र में लिखा है कि लालू भ्रष्टाचार के मामले में रांची के होटवार जेल में कैद हैं और स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में इलाज करा रहे हैं. राजद ने बिहार में 19 उम्मीदवार उतारे हैं और महागठबंधन के सहयोगी दलों के लिए 20 सीटें, जबकि भाकपा माले के लिए एक सीट छोड़ी है.

जदयू नेता ने आरोप लगाया है कि लालू ने जेल नियमावली का उल्लंघन किया है, क्योंकि उन्होंने राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात की है, जबकि सजायाफ्ता कैदियों को मिलने आनेवाले लोगों से राजनीतिक बातचीत नहीं करनी है. कुमार ने चुनाव अधिकारियों से लालू के ट्वीट पर संज्ञान लेने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘लालू प्रसाद लगातार सोशल मीडिया पर भी अपने विचार उद्धृत करते हैं, जिससे चुनाव प्रभावित किया जा रहा है. अगर उनका ट्विटर हैंडल कोई दूसरा व्यक्ति चला रहा है, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि लालू प्रसाद अपने विचार जेल से किसे बता रहे हैं.’

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