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पटना : सरकारी प्रयासों के बाद भी करीब 40 फीसदी बच्चे बीच में छोड़ देते हैं स्कूल

माध्यमिक विद्यालयों तक ड्राॅप आउट में लड़कियों की संख्या कम पटना : छात्र-छात्राएं बीच में पढ़ाई नहीं छोड़ें, इसको लेकर सरकार ने माध्यमिक स्कूलों तक छात्रों के लिए कई योजनाएं चलायी हैं. इससे माध्यमिक विद्यालयों तक स्कूल छोड़ देने वाली छात्राओं की संख्या में कमी आयी है. लेकिन, शिक्षा विभाग के आंकड़ों की मानें तो […]

माध्यमिक विद्यालयों तक ड्राॅप आउट में लड़कियों की संख्या कम
पटना : छात्र-छात्राएं बीच में पढ़ाई नहीं छोड़ें, इसको लेकर सरकार ने माध्यमिक स्कूलों तक छात्रों के लिए कई योजनाएं चलायी हैं. इससे माध्यमिक विद्यालयों तक स्कूल छोड़ देने वाली छात्राओं की संख्या में कमी आयी है.
लेकिन, शिक्षा विभाग के आंकड़ों की मानें तो प्राथमिक स्तर पर 2016-17 में 22.2 प्रतिशत तक गिरावट आयी है. उच्च प्राथमिक स्तर पर यह गिरावट 3.8 प्रतिशत अंकों की थी. 2012-13 के 46.7 प्रतिशत की तुलना में 2016-17 में आंकड़ा 42.9 प्रतिशत रहा. ऐसे में माना जा रहा है कि अब भी लगभग 10 बच्चों में से कम से कम चार यानी 40 प्रतिशत बच्चे बीच में स्कूल छोड़ रहे हैं. इस पर सुधार को लेकर विभागीय स्तर पर तेजी से काम चल रहा है. बिहार में विद्यालयों की संख्या : 2016-17 में बिहार में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की कुल संख्या 2012-13 के 69,911 से बढ़कर 72,981 हो गयी है.
इस अवधि में अनेक प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उत्क्रमित किया गया है. वर्ष 2016-17 में विद्यालयों की संख्या के लिहाज से बेहतर प्रदर्शन वाले जिले पूर्वी चंपारण में 3486, पटना में 3366 और मुजफ्फरपुर में 3359 थे. दूसरी ओर विद्यालयों की सबसे कम संख्या वाले तीन जिले शिवहर में 417, अरवल में 526, शेखपुरा में 581 थे.

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