पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में परंपरागत वोट का दिख रहा डिवीजन, वोट की थोड़ी सी ऊंच-नीच बदल देगी परिणाम

अनुज शर्मा पटना : केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने एनडीए और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में गुरुवार को पाटलिपुत्र लोस सीट से नामांकन कर दिया. भाजपा सांसद रामकृपाल की लालू प्रसाद की बेटी मीसा से सीधी टक्कर है. एनडीए के लिए सबसे बड़ी चुनौती पुराने वोटरों पर पकड़ बनाये रखनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2019 5:59 AM
अनुज शर्मा
पटना : केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने एनडीए और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में गुरुवार को पाटलिपुत्र लोस सीट से नामांकन कर दिया. भाजपा सांसद रामकृपाल की लालू प्रसाद की बेटी मीसा से सीधी टक्कर है.
एनडीए के लिए सबसे बड़ी चुनौती पुराने वोटरों पर पकड़ बनाये रखनी है. वोट की थोडी-बहुत ऊंच-नीच भी परिणाम बदल देगी. कांग्रेस, रालोसपा, माले, हम (से) की मिली-जुली ताकत ‘साझा दुश्मन’ बीजेपी को टक्कर दे रही है. वहीं राजद के लिए अपनों का विरोध, जातिगत वोट का बिखराव रोकना बड़ी चुनौती है. उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी, मुकेश सहनी सजातीय वोट ट्रांसफर करा पायेंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.
हैंडपंप में नहीं पानी, किसान परेशान: लालू प्रसाद ने अलीपुर के जिस पशु कृत्रिम गर्भाधान केंद्र का उद्घाटन किया था, उसके हैंडपंप का पानी सूख चुका है.
यादवों का गांव है. मुन्नी देवी-विमला को बस इतना पता है कि इस बार लालू काे जिताना है. जिस पर पूरे देश की सियासत टिकी वह किसान परेशान दिखा. खेत में प्याज भरवा रहे जय नंदन प्रसाद यादव कहते हैं कि मोदी सरकार में तो किसान मर रहा है. लालू सरकार ने पहले ही 10 साल पीछे कर दिया था.
सौ पैकेट प्याज की आस थी, 45 भी नहीं निकले. दस कट्ठा का यह खेत पांच हजार में बटाई पर लिया था. तीन महीने बाद 15 हजार की फसल बैठ रही है. खर्चा भी नहीं निकला. रविदास टोला गंजपर के मजूदर शौचालय-घर, समय से राशन न मिलने की शिकायत करते हुए कहते हैं -‘ सरकार कउनची देती है. पोती का हाथ पकड़े उषा कहती हैं गंजपर पलंगा से गुजरने वाली नहर में सालों से पानी-सफाई नहीं है.
यादवों का गांव है, लेकिन चर्चा एनडीए की होती है. पैदल घर लौट रही दसवीं में पढ़ने वाली सुइथा गांव की मनीषा-खुशबू चाहती हैं कि सरकार पब्लिक वाहन चलाये जिसमें बैठकर वे स्कूल जा सकें. इनको साइकिल नहीं मिली है. मिट्टी के घर में रहने वाली मनीषा सकुचाते हुए कहती है, पिता को इंदिरा आवास मिल जाये, शराब बंद हो जाये. पुनपुन, महुआ, सलारपुर, धनकी, धराई चक-अकबर पुर की रोड खराब है. साहब आप तो चिकन रोड से आ रहे हैं.
अकबरपुर से आते तो दाल-भात-चोखा का भाव पता चलता. पुनपुन टेंपो स्टैंड पर टेंपो में अपने साथियों के साथ बैठे ड्राइवर अवधेश समस्या पूछने पर यह जवाब देते हैं. शराब की ब्रिकी-जाति विशेष के लोगों का जेल जाना यहां का मुद्दा है. विकास काे लोग दूसरे रूप में भी लेते हैं, यह महुआ बाग में पता चला. ग्राम संपर्क योजना में यहां 800 मीटर की सीसी रोड बन रही है. सीएम ने ही उद्घाटन किया था. धर्मेंद्र की समस्या है कि सड़क बनने से जमीन महंगी होगी. लोग बेचकर कुछ दिन खायेंगे और फिर इसी सड़क पर आ जायेंगे.
ठेकेदारी करने वाले बेलदारी चक के रंजीत, राजेश चौहान का कहना था कि दुनिया का कहना था कि रोड चाहिए, नीतीश बाबू ने रोड बना दिया तो अब कह रहे हैं कि नीतीश ने जमीन महंगी कर दी. दानापुर स्टेशन के बाहर बिहटा जाने वाले दैनिक यात्री रूपेश मिले. उनका फील्ड जाॅब है. वह भी इस सीट पर कांटे की टक्कर बता रहे हैं. हमारी इस पूरी यात्रा में किसी भी दल का कोई उम्मीदवार, उसका कार्यकर्ता लोगों से जनसंपर्क करता नजर नहीं आया.

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