जब एक युवा ने दो पूर्व सीएम को हराया, फिर कभी कोई चुनाव नहीं जीते
सुखलाल कुशवाहा 2015 में बीमारी से परेशान हो कर की आत्महत्या 1996 में सतना से मप्र के पूर्व सीएम अर्जुन सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे. पड़ोसी जिले सीधी के रहने वाले अर्जुन सिंह 1991 में इसी सीट से जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. जातिगत समीकरण और क्षेत्र में पकड़ के बूते वह दोबारा […]
सुखलाल कुशवाहा
2015 में बीमारी से परेशान हो कर की आत्महत्या
1996 में सतना से मप्र के पूर्व सीएम अर्जुन सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे. पड़ोसी जिले सीधी के रहने वाले अर्जुन सिंह 1991 में इसी सीट से जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. जातिगत समीकरण और क्षेत्र में पकड़ के बूते वह दोबारा किस्तम आजमाने उतरे थे. भाजपा ने उनके मुकाबले मप्र के पूर्व सीएम वीरेंद्र कुमार सकलेचा को उम्मीदवार बनाया था.
दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के कारण इस सीट पर देशभर की निगाह थी. हालांकि नतीजे आये, तो वोटरों ने इन दोनों को नकार दिया था. यहां से चुनाव जीता बसपा के युवा नेता सुखलाल कुशवाहा ने. सकलेचा दूसरे और अर्जुन सिंह तीसरे स्थान पर रहे. इस जीत से कुशवाहा राष्ट्रीय राजनीति में छा गये थे. हालांकि सुखलाल इसके बाद कभी कोई चुनाव नहीं जीते.