शहर में लू की आहट, रहें सावधान

पटना : राजधानी में शुक्रवार को भी गुरुवार की तरह ही भीषण गर्मी पड़ी. अधिकतम तापमान 41 डिग्री के करीब पहुंच गया. दोपहर का एम्बिएंट तापमान (परिवेश का उच्चतम तापमान) 42 डिग्री से अधिक रहा. अनुमान है कि अगले चार दिन तक तापमान उच्चतम बना रहेगा. दिन में पुरवा हवा बही, लेकिन उसमें नमी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2019 6:01 AM

पटना : राजधानी में शुक्रवार को भी गुरुवार की तरह ही भीषण गर्मी पड़ी. अधिकतम तापमान 41 डिग्री के करीब पहुंच गया. दोपहर का एम्बिएंट तापमान (परिवेश का उच्चतम तापमान) 42 डिग्री से अधिक रहा. अनुमान है कि अगले चार दिन तक तापमान उच्चतम बना रहेगा. दिन में पुरवा हवा बही, लेकिन उसमें नमी की मात्रा 40 फीसदी से नीचे तक पहुंच गयी.

हीट वेब की अाधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. हालांकि लू की आहट साफ है और इससे सावधान रहने की जरूरत है. गया का उच्चतम तापमान 43 डिग्री पहुंच चुका है. केवल एक डिग्री तापमान बढ़ते ही हीट वेब की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है.

पुरवैया ने लू से बचाया: शुक्रवार को दिनभर पूरवैया हवा बही. मौसम विज्ञानियों की मानें तो पुरवैया हवा ने लू से बचाया. अगर पछुआ हवा बहती तो तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पार कर गया होता. पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 40-41 के बीच रहा. न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस रहा. दिन की शुरुआत से तापमान में इजाफा देखा गया.

सुबह साढ़े दस बजे तापमान 38 डिग्री पहुंच चुका था. शाम पांच बजे तापमान 40 डिग्री था. रात आठ बजे भी 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आर्द्रता 40 फीसदी से नीचे पहुंच गयी.
अभी और बढ़ेगा तापमान: आइएमडी पटना के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक आनंद शंकर के मुताबिक अगले चार दिन इसी तरह तापमान की अधिकता बनी रहेगी. हीट वेब भी दस्तक दे सकती है. अभी वॉच किया जा रहा है. वर्तमान में समूचे बिहार में उच्चतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री से अधिक नहीं है. हीट वेब के लिए अधिकतम तापमान साढ़े चार डिग्री सेल्सियस से अधिक होना चाहिए.
बढ़े हुए तापमान की अधिकता के चलते सुबह साढ़े नौ बजे 289 वाट्स पर वर्ग मीटर, साढ़े दस बजे सोलर रेडियेशन 365 वाट्स पर वर्ग मीटर और दोपहर में बढ़कर 400 पार कर गया. इस स्थिति में चिलचिलाती धूप का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
पेसू भी नहीं झेल पा रहा गर्मी, आ-जा रही बिजली
गर्मियों के बढ़ने से जैसे-जैसे पेसू का लोड बढ़ रहा है, ट्रिपिंग भी बढ़ते जा रही है. पिछले वर्ष इस समस्या के निदान के लिए स्काडा सिस्टम इंस्टॉल किया गया. कहा गया कि इससे ट्रिपिंग को जल्द दुरूस्त करने और बिजली को बहाल करने में सुविधा होगी.
लेकिन स्काडा सिस्टम अपने दावों को पूरा करने में सफल नहीं दिख रही है और बिजली रीस्टोर करने में अभी भी घंटों लग रहा है. शुक्रवार को पेसू का लोड बढ़ कर 539 मेगावाट पर पहुंच गया. लोग एसी लगाने से पहले आमतौर पर पेसू से इजाजत नहीं लेते हैं, इसलिए लोड का डिस्ट्रीब्यूशन भी गर्मी बढ़ने पर असमान हो जाता है. कुछ ट्रांसफार्मरों पर लोड अधिक हो जाता है जबकि कुछ पर कम.
इसके कारण भी ट्रांसफार्मरों के जलने की घटनायें बढ़ गयी हैं. तीखी गर्मी में बिजली कटने से लाेगों का हाल बेहाल रहा. 41 डिग्री से ऊंची गर्मी और ऊमस को बिना पंखा के झेलने में लोगों पसीने से भींग गये. शुक्रवार को कई मोहल्लों की बिजली आती जाती रही.

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