पटना : निजी तालाब के लिए सरकार दे सकती है 50 फीसदी अनुदान

गिरते भू-जल स्तर को लेकर सरकार गंभीर, मुख्य सचिव ने बुलायी बैठक पटना : राज्य में गिरते भू-जल स्तर को लेकर सरकार गंभीर हो गयी है. राज्य के 19 जिलाें के 102 प्रखंडों की स्थिति अधिक खराब है. सोमवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पीएचइडी और लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2019 6:05 AM
गिरते भू-जल स्तर को लेकर सरकार गंभीर, मुख्य सचिव ने बुलायी बैठक
पटना : राज्य में गिरते भू-जल स्तर को लेकर सरकार गंभीर हो गयी है. राज्य के 19 जिलाें के 102 प्रखंडों की स्थिति अधिक खराब है. सोमवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पीएचइडी और लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरी स्थिति की जानकारी ली और सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को गिरते भू-जल स्तर को बचाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने को कहा.
बैठक में मुख्य सचिव ने एक-एक कर सभी जिलों के हालात की जानकारी ली. साथ ही उन प्रखंडों पर अधिक फोकस किया, जहां की स्थिति भयावह हो गयी है. सरकार के स्तर पर यह तय हुआ कि मनरेगा के तहत प्रभावित प्रखंडों में अधिक-से-अधिक तालाब खुदवाये जाएं.
निजी स्तर पर तालाब खुदवाने पर सरकार पचास फीसदी अनुदान भी दे सकती है. गौरतलब है कि राज्य में गिरते भू-जल स्तर पर प्रभात खबर ने लगातार खबरें प्रकाशित की हैं. दिसंबर के महीने में ही मुजफ्फरपुर समेत कई जगहों पर पानी का स्तर काफी नीचे चले जाने की सूचना से सरकार भी चिंतित है. सिर्फ अप्रैल माह में भू-जल स्तर में 10 फुट की गिरावट आयी है.
पानी के संरक्षण के लिए बनेगी नियमावली, आयेगा विधेयक
मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में भूगर्भ जल स्तर को बचाने और पानी के संरक्षण के लिए नियमावली तैयार करने का निर्णय लिया गया. सरकार की सहमति के बाद इस पर आखिरी निर्णय लिया जायेगा. माना जा रहा है कि विधानमंडल के अगले सत्र में इस संबंध में विधेयक भी लाया जा सकता है. सरकार तय करेगी कि निजी और कॉमर्शियल उपयोग के लिए बोरिंग से कितना पानी निकाला जा सकता है. हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय चुनाव के बाद होगा.
गांवों में बोरिंग के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा
ग्रामीण इलाके से शहरी इलाके में बोरिंग किये जाने के पहले सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया जायेगा. बोरिंग करने के अलावा इससे पानी निकालने की मात्रा भी सरकार तय करेगी. इसके लिए स्थानीय निकायों को जिम्मेदारी दी जायेगी.

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