पटना : अफसरों को बेहतर पीएआर के लिए निबटाने होंगे जमीन संबंधी मामले
सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया पत्र पटना : अब आइएएस, बिप्रसे, बिहार राजस्व सेवा समेत अन्य सेवाओं के अधिकारियों को स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन (सेल्फ एप्रैजल) या पीएआर (पर्सनल अप्रैजल रिपोर्ट) रिपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए जमीन विवाद से जुड़े मामले का जिक्र करना होगा. यानी इनकी स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन रिपोर्ट में इस बात का खासतौर […]
सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया पत्र
पटना : अब आइएएस, बिप्रसे, बिहार राजस्व सेवा समेत अन्य सेवाओं के अधिकारियों को स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन (सेल्फ एप्रैजल) या पीएआर (पर्सनल अप्रैजल रिपोर्ट) रिपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए जमीन विवाद से जुड़े मामले का जिक्र करना होगा.
यानी इनकी स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन रिपोर्ट में इस बात का खासतौर से उल्लेख करना होगा कि इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जमीन विवाद से जुड़े कितने मामलों का निबटारा किया है. खासकर वैसे पदाधिकारियों को इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख करना होगा, जो भूमि विवाद या भू-अर्जन से जुड़े पदों पर कार्यरत हैं या उनकी तैनाती इन पदों पर रही है. इन अधिकारियों को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का खासतौर से उल्लेख करना होगा कि इन्होंने अपने कार्यकाल में अपने न्यायालय में कुल कितने मामलों का निबटारा किया, कितने मामले लंबित रहे और कितने मामले छह महीने से ज्यादा समय से लंबित पड़े हैं.
जमीन विवाद से जुड़े मामलों के निबटारे की जिम्मेवारी अपर समाहर्ता, एसडीओ और डीसीएलआर जैसे तमाम पदाधिकारियों पर खासतौर से होती है. इन पदों पर तैनात अधिकारियों का मूल्यांकन प्रतिवेदन विशेष रूप से जमीन विवाद के निबटारे पर ही निर्भर करेगा.