पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चार चरण के मतदान के बाद जब महामिलावटी गठबंधन की नाव डूबती नजर आ रही है, तब राबड़ी देवी मतदाताओं की इमोशनल ब्लैकमेलिंग के लिए चिट्ठी लिख रही हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन और व्यवसायी चंदा बाबू के तीन बेटों सहित जिन कई लोगों की हत्याएं करवाईं, उनके शोकसंतप्त परिजनों के लिए न कभी राबड़ी देवी की भावनाएं जगीं, न उन्होंने कोई चिट्ठी लिखी.
सुशील मोदी ने सवाल किया कि राजद के ही पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव ने एक नाबालिग छात्रा से बलात्कार किया, लेकिन महिला होकर भी क्या राबड़ी देवी ने पीड़ित बच्ची के परिवार का दर्द बांटने के लिए कोई चिट्ठी लिखी? उन्होंने कहा कि जब उन्हें जनता के दुख-दर्द नहीं दिखे, तब अपने सजायाफ्ता-पति को पीड़ित की तरह दिखाने के लिए चुनाव के समय चिट्ठी लिख कर सहानुभूति क्यों पाना चाहती हैं?
कोर्ट के फैसले पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुएसुशील मोदी ने कहा पुत्र मोह में संन्यास तोड़ कर लौटे जिस राजद नेता ने कभी लालू प्रसाद को चारा घोटाले का गुनहगार माना था, वही अब लालू चालीसा पढ़ कर अपनी भक्ति सिद्ध कर रहे हैं और न्यायपालिका को जातिवादी बताने की मुहिम चला रहे हैं. वे अनुकूल फैसलों के समय न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं, जबकि जमानत नहीं मिलने पर जातिवादी राजनीति करने लगते हैं.
डिप्टी सीएम ने कहा कि जब जनता की अदालत इन्हें खारिज करती है, तब ईवीएम पर सवाल उठाते हैं. जिन्हें लोकतंत्र की किसी संस्था पर विश्वास नहीं, वे ही लोकतंत्र बचाने का नाटक करते हैं.