पटना लॉ कॉलेज में शिक्षकों की कमी पर पीयू से जवाब तलब
नियमित शिक्षकों के अभाव के कारण बाधित होती है पढ़ाई पटना : राजधानी स्थित पटना लॉ कॉलेज में शिक्षकों की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार व पटना यूनिवर्सिटी प्रशासन से 13 मई तक जवाब तलब किया है. जस्टिस ज्योति शरण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने […]
नियमित शिक्षकों के अभाव के कारण बाधित होती है पढ़ाई
पटना : राजधानी स्थित पटना लॉ कॉलेज में शिक्षकों की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार व पटना यूनिवर्सिटी प्रशासन से 13 मई तक जवाब तलब किया है.
जस्टिस ज्योति शरण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राधारमन राय की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और विवि प्रशासन को यह निर्देश दिया. कोर्ट ने इनसे यह भी बताने को कहा है कि इस कॉलेज में शिक्षकों के कितने स्वीकृत पद हैं. कितने पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं और कितने पद रिक्त पड़े हुए हैं.
साथ ही यह भी जानकारी देने को कहा है कि इस कॉलेज में कितने अंशकालिक शिक्षक पढ़ा रहे हैं. कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया था कि इस कॉलेज में शिक्षकों की काफी कमी हैं, जो शिक्षक पढ़ा रहें हैं वे अधिकतर अंशकालिक रूप से हैं. नियमित शिक्षकों के अभाव में वहां की पढ़ाई बाधित हो रही है.
पटना. शिवहर सदर अस्पताल को बंद करने के कगार पर पहुंचा कर वहां सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाये जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 24 जून तक इस मामले में जवाब तलब किया है. जस्टिस ज्योति शरण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अरविंद सिंह की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जो भी हलफनामा इस मामले में दायर किया जाये वह मुख्य सचिव व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव की देखरेख मे तैयार कर कोर्ट में दिया जाये.
गौरतलब है कि शिवहर सदर अस्पताल को बंद करने के कगार पर पहुंचा दिया गया है. इसके जगह पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार से स्पष्ट कहा की शिवहर में जितना भी अस्पताल बनाना हो बनाया जाये. लेकिन, शिवहर सदर अस्पताल के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जाये.