अब भाकपा-माले का तेजस्वी यादव करेंगे चुनाव प्रचार, कभी लालू विरोध थी पहचान
पटना : यह बदलते राजनीतिक समीकरण का मामला है या लोकतंत्र की खुबसूरती, जिस लालू प्रसाद के विरोध में भाकपा माले संघर्ष करती रही. पार्टी टूटी और चार विधायक राजद में शामिल हो गये, उसी पार्टी के लिए अब तेजस्वी यादव स्टार प्रचारक होंगे. भाकपा-माले ने राजद नेता तेजस्वी यादव को अपने स्टार प्रचारकों की […]
पटना : यह बदलते राजनीतिक समीकरण का मामला है या लोकतंत्र की खुबसूरती, जिस लालू प्रसाद के विरोध में भाकपा माले संघर्ष करती रही. पार्टी टूटी और चार विधायक राजद में शामिल हो गये, उसी पार्टी के लिए अब तेजस्वी यादव स्टार प्रचारक होंगे.
भाकपा-माले ने राजद नेता तेजस्वी यादव को अपने स्टार प्रचारकों की सूची में अनौपचारिक तौर पर शामिल किया है. आरा लोकसभा सीट के लिए तेजस्वी भाकपा-माले उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे. इतना ही नहीं महागठबंधन के भीतर सीटों के तालमेल में राजद ने आरा लोकसभा सीट पर भाकपा-माले को समर्थन दिया है. वहीं, भाकपा-माले ने पाटलिपुत्र सीट पर राजद उम्मीदवार मीसा भारती को समर्थन किया है.
भाकपा-माले के नेता ने कहा
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि लालू प्रसाद का जमाना और इस वक्त की राजनीति में काफी बदलाव आया है. फिलहाल राष्ट्र को बचाने की बात है. भाजपा दोबारा से सत्ता में आयेगी, तो वह संविधान को खत्म कर देगी. ऐसे में हमारी रंजिश का कोई मतलब नहीं है. जहां तालमेल हुआ है या जहां नहीं हुआ है, जनता को मालूम है कि वहां वोट कैसे और किसे देना है.
लालू और भाकपा-माले के बीच हमेशा होती थी तनातनी
राजद अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के समय राजद और भाकपा-माले के बीच हमेशा तनातनी की स्थिति होती थी. विधानसभा के भीतर हो या सड़क भाकपा-माले ने राजद की सरकार का कड़ा विरोध किया था. सीवान में भाकपा-माले को राजद नेताओं से काफी प्रताड़ित भी होना पड़ा था. लालू प्रसाद के प्रभाव से भाकपा-माले विधायक दल में भी टूट हो गया था.
माले के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बने श्रीभगवान सिंह समेत चार विधायकों का गुट दल से अलग हो कर राजद में शामिल हो गया था. 1990 के दशक की यह घटना इतिहास के पन्नों में कैद है. बिहार का राजनीतिक समीकरण बदला है. भाजपा विरोध में खड़ी दोनों पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे के लिए मिलकर प्रचार कर रही हैं. माले सीवान, जहानाबाद व काराकाट में चुनावी लड़ाई को त्रिकोणात्मक बना रहा है.
कहीं साथ तो कहीं दूर, पर लक्ष्य भाजपा को हराना
आरा में एक साथ प्रचार करने वाली दोनों पार्टियां जहानाबाद व सीवान में एक-दूसरे के सामने खड़ी है. वहीं, काराकाट में महागठबंधन के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं. भाकपा-माले ने कहा कि भले ही सीवान, जहानाबाद व काराकाट में तालमेल नहीं हो पाया है, लेकिन हमारा लक्षय एक है कि संविधान को खत्म करने में जुटी पार्टी भाजपा को सत्ता से हटाएं. इसलिए हमारा चुनाव प्रचार इन जगहों पर अलग-अलग होते हुए भी लक्ष्य एक है.