दो महीने से बिहार के आधे कर्मचारियों को वेतन नहीं, इन वजहों से हो रही परेशानी

नया सीएफएम सिस्टम ठीक से नहीं कर रहा काम पटना : राज्य सरकार के आधे कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. जिला स्तर के कार्यालयों में स्थिति ज्यादा खराब है. मार्च महीने का वेतन आधे और अप्रैल का वेतन एक चौथाई कर्मियों को ही मिल पाया है. इनमें पुलिस, शिक्षक से लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2019 6:45 AM
नया सीएफएम सिस्टम ठीक से नहीं कर रहा काम
पटना : राज्य सरकार के आधे कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है. जिला स्तर के कार्यालयों में स्थिति ज्यादा खराब है. मार्च महीने का वेतन आधे और अप्रैल का वेतन एक चौथाई कर्मियों को ही मिल पाया है.
इनमें पुलिस, शिक्षक से लेकर सभी विभागों के कर्मचारी शामिल हैं. सभी 41 विभागों में कुछ कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है, तो कुछ का बकाया है. इसकी मुख्य वजह सीएफएमएस प्रणाली का सही ढंग से काम नहीं करना है.
राज्य में वित्तीय लेन-देन की समुचित मॉनीटरिंग करने के साथ ही सरकारी खजाने को ऑनलाइन करने के लिए सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) एक अप्रैल से लागू किया गया है. वित्त विभाग के स्तर पर लागू इस सिस्टम से सभी विभाग, जिला समेत सरकार के सभी स्तर के कार्यालय और ट्रेजरी जुड़ गये हैं.
लेकिन अब तक इसके सुचारु ढंग से काम नहीं करने से सरकारी कर्मचारियों के वेतन से लेकर योजनाओं की राशि आवंटन में काफी समस्या आ रही है. राज्य में नियमित सरकारी कर्मचारियों की संख्या करीब तीन लाख और नियोजित कर्मियों की संख्या लगभग साढ़े चार लाख है, जिनमें आधे कर्मचारी अब भी परेशान हैं. इधर, राज्य के वित्त आयुक्त डाॅ एस सिद्धार्थ ने कहा कि एक महीने में यह सिस्टम पूरी तरह काम करने लगेगा और मौजूदा समस्या दूर हो जायेगी.
योजनाओं की राशि भी नहीं हो रही जारी
सीएफएमएस के माध्यम से ही सभी विभागों को योजनाओं व गैर योजना मद की राशि समेत तमाम बजट का आ‌वंटन जारी करना है. योजना राशि से जुड़ा बिल जारी होने के कारण अब तक किसी विभाग में किसी योजना की राशि आवंटित नहीं हुई है. इससे मौजूदा बजट में योजना मद में एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है. चालू वित्तीय वर्ष में योजना या पूंजीगत व्यय के लिए करीब 99 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं. आचार संहिता के कारण नयी योजनाओं में खर्च प्रभावित है.
इन वजहों से परेशानी
सीएफएमएस को लागू तो कर दिया गया, लेकिन इसमें मौजूद 12 मॉड्यूल में से छह ही तैयार हो पाये हैं.
इस सॉफ्टवेयर में सभी सरकारी कर्मचारियों का डाटाबेस या उनसे जुड़ी 74 प्वाइंट जानकारी अपलोड नहीं हो पायी है.
एक माह में सीएफएमएस पूरी तरह से काम करने लग जायेगा. डाटाबेस अपडेट का काम भी तेजी से चल रहा है. इसके पूरा होते ही सभी कर्मियों को समय पर वेतन मिलने लगेगा.
-डॉ एस सिद्धार्थ, वित्त विभाग के प्रधान सचिव

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