सरकार की अपील पर कोर्ट ने समान काम समान वेतन के निर्णय को ठुकराया : कांग्रेस
पटना : प्रदेश कांग्रेस ने नियोजित शिक्षकों के समान काम, समान वेतन के विषय पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि राज्य सरकार की अपील पर उच्चतम न्यायालय ने समान काम के लिए समान वेतन के निर्णय को ठुकराया है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार में […]
पटना : प्रदेश कांग्रेस ने नियोजित शिक्षकों के समान काम, समान वेतन के विषय पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि राज्य सरकार की अपील पर उच्चतम न्यायालय ने समान काम के लिए समान वेतन के निर्णय को ठुकराया है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर नियोजित शिक्षकों की सेवा भत्ता में सुधार होगा.
उच्चतम न्यायालय ने बिहार सरकार की अपील पर अपना निर्णय दिया है, इस पर कांग्रेस कोई प्रश्न नहीं उठायेगी. डॉ झा ने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने पर नियोजित शिक्षकोंं की सेवा-भत्ता पर विचार होगा.
बिहार में नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति एक अलग नियमावली से हुई है, लेकिन समान योग्यता, समान काम के साथ समान वेतन पर जरूर विचार होना चाहिए एवं राज्य में कांग्रेस सरकार के दौरान माध्यमिक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति विद्यालय सेवा बोर्ड द्वारा होती थी, उस नियम को फिर से लागू किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार ने काॅलेज एवं विश्वविद्यालय शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन किया है, उसी तर्ज पर माध्यमिक शिक्षकों के लिए विद्यालय सेवा बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए.
हम इसके लिए रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे. नियोजित शिक्षकों के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हमारी मांग स्पष्ट है कि बिहार शिक्षक नियोजन नियमावली 2006 और 2008 में प्रस्तुत मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 14, 16 आदि के तहत उन्हें समान काम और समान वेतन का अधिकार चाहिए.
संतोष श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघर्ष समिति
सबसे पहले फैसले का अध्ययन किया जायेगा. इसके बाद कानूनविदों से राय लेकर रिव्यू पिटीशन दाखिल किया जायेगा. संविधान ने जो भी अधिकार दिये हैं, उसके तहत सड़क-सदन से लेकर कोर्ट तक नियोजित शिक्षकों के हक में लड़ाई जारी रखेंगे. समान काम-समान वेतन का अधिकार शिक्षकों का नैसर्गिक अधिकार है.
अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ