पटना : तस्करी का सोना ले जा रहा था वाराणसी चुनाव में होता उपयोग, गिरफ्तार

पटना : डीआरआइ ने शनिवार को दून एक्सप्रेस में छापेमारी कर गया जंक्शन से एक तस्कर राजेंद्र मिश्रा को एक किलो 300 ग्राम सोना के साथ गिरफ्तार किया. इसके बाद तस्कर राजेंद्र मिश्रा से गहन पूछताछ जारी है. अब तक मिली सूचना के अनुसार, बाजार में इस सोने की कीमत करीब 43 लाख रुपये बतायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2019 7:08 AM
पटना : डीआरआइ ने शनिवार को दून एक्सप्रेस में छापेमारी कर गया जंक्शन से एक तस्कर राजेंद्र मिश्रा को एक किलो 300 ग्राम सोना के साथ गिरफ्तार किया. इसके बाद तस्कर राजेंद्र मिश्रा से गहन पूछताछ जारी है.
अब तक मिली सूचना के अनुसार, बाजार में इस सोने की कीमत करीब 43 लाख रुपये बतायी जा रही है. इसे राजेंद्र बांग्लादेश से ला रहा था. पेट्रापोल बॉर्डर से वह सोना लेकर भारत में दाखिल हुआ. इसके वह बस से हावड़ा पहुंचा. यहां से उसने दून एक्सप्रेस पकड़ी, जिससे वह गया होते हुए वाराणसी जाने के फिराक में था, जहां इस सोने को वह खपाने की तैयारी में था. इस सोने की खरीद काले धन से की गयी है और इसे खपाने के लिए यह
रास्ता चुना गया है. इससे पहले भी राजेंद्र दो-तीन बार इसी रूट से तस्करी करके सोना ला चुका है. इस पूरे रैकेट में वाराणसी के कई नामचीन लोग भी शामिल हैं. राजेंद्र मिश्रा इन लोगों का एक पार्टनर के तौर पर है.
उसकी निशानदेही पर जल्द ही डीआरआइ वाराणसी के कुछ प्रमुख व्यवसायियों और इससे जुड़े लोगों के यहां छापेमारी कर सकती है. इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी कर ली गयी है. पूछताछ में यह भी पता चला कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान भी सोने की तस्करी से आने वाले रुपये का उपयोग होने वाला था. पहले ब्लैक मनी को हवाला के जरिये बांग्लादेश भेजकर सोना खरीदा गया.
फिर इसे बाजार में खपत करके काले धन को छिपाने की जुगत की गयी. इस गोरखधंधे में आने वाले रुपये का उपयोग चुनाव में भी होना था. हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये रुपये किस पार्टी या जनप्रतिनिधि के लिए उपयोग होने थे. इस मामले की जांच चल रही है. राजेंद्र मिश्रा वाराणसी के चोलापुर का ही रहने वाला है.
इस वजह से उसके कुनबे में वाराणसी के ही ज्यादातर लोग शामिल हैं, जिनकी ब्लैक मनी को सोना में कन्वर्ट करके खपाने की जुगत की जाती है. ऐसे यह भी जानकारी मिली है कि इस रैकेट में कुछ बाहरी लोग भी शामिल हैं, जो इन्हें कई तरह से मदद करते हैं. फिलहाल इन तमाम पहलुओं पर गहन जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद ही इसमें शामिल सभी स्तर के लोगों की पूरी जानकारी सामने आ पायेगी.

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