पटना : स्मार्ट विलेज परिकल्पना को साकार करने में देंगे सहयोग
शिक्षा व्यवस्था पर डॉ चाणक्य ने अपने रिसर्च को बताया पटना : इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स बांबे सेक्शन की ह्यूमेनेटेरियन टेक्नोलॉजी कमेटी के सदस्य सह वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ चाणक्य कुमार झा बिहार में स्मार्ट विलेज की परिकल्पना को साकार करने में राज्य सरकार को सहयोग करने को तैयार हैं. डॉ झा अपने नाम से […]
शिक्षा व्यवस्था पर डॉ चाणक्य ने अपने रिसर्च को बताया
पटना : इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स बांबे सेक्शन की ह्यूमेनेटेरियन टेक्नोलॉजी कमेटी के सदस्य सह वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ चाणक्य कुमार झा बिहार में स्मार्ट विलेज की परिकल्पना को साकार करने में राज्य सरकार को सहयोग करने को तैयार हैं. डॉ झा अपने नाम से करीब 19 पेटेंट व सैकड़ों रिसर्च रिव्यू रखने वाले समस्तीपुर के मूल निवासी हैं. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर अपना रिसर्च रखा.
डॉ झा ने कहा कि प्रति कॉलेज 721 नामांकन के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले बिहार में 2142 नामांकन है. 18 से 26 वर्ष की प्रति एक लाख युवा आबादी पर 28 कॉलेज के राष्ट्रीय औसत की जगह बिहार में मात्र सात कॉलेज हैं. बिहार में सिर्फ एक यूनिवर्सिटी को नैक से ए ग्रेड मिल सका है. पटना विवि भी सालों की मशक्कत के बाद सिर्फ सेल्फ स्टडी रिपोर्ट ही जमा करा पाया है.
बिहार में मेल-फिमेल शिक्षकों का अनुपात 1:4 है : उन्होंने बताया कि सर्वे के हिसाब से भारत में 58 फीसदी पुरुष जबकि 42 फीसदी महिला शिक्षक हैं. वहीं बिहार में मेल-फिमेल शिक्षकों का अनुपात 1:4 का है.
आज भी बिहार इंटरमीडिएट कॉलेजों में नियुक्ति या उनके वेतन को लेकर कोई भी सर्विस रूल का गठन नहीं किया गया है. बिहार में प्राथमिक स्कूलों में 37.3 फीसदी कम शिक्षक हैं, जो आरटीइ के मानदंडों के आधार पर कम है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सतत आधार पर चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है. सौ फीसदी कंप्यूटरीकरण छात्रों को उनके भविष्य के प्रयासों में मदद करेगा.