नालंदा, बक्सर, जहानाबाद, पटना में नहीं दिख रहा भाकपा का झंडा, एक समय था मजबूत आधार

साठ से अस्सी के दशक तक था वाम दलों का मजबूत आधार पटना : प्रदेश की राजनीति में साठ से अस्सी के दशक तक लोकसभा चुनाव में नालंदा, बक्सर, जहानाबाद व पटना में वाम दलों का दबदबा होता था. भाकपा इनमें सबसे आगे थी. राजधानी पटना की सीट हो या पड़ोस की नालंदा और बेगूसराय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2019 7:31 AM

साठ से अस्सी के दशक तक था वाम दलों का मजबूत आधार

पटना : प्रदेश की राजनीति में साठ से अस्सी के दशक तक लोकसभा चुनाव में नालंदा, बक्सर, जहानाबाद व पटना में वाम दलों का दबदबा होता था. भाकपा इनमें सबसे आगे थी. राजधानी पटना की सीट हो या पड़ोस की नालंदा और बेगूसराय व बलिया, भाकपा के उम्मीदवार चुनाव जीतते रहे.

भाकपा उम्मीदवारों ने नालंदा व पटना में तीन, बक्सर में दो व जहानाबाद में चार बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. पिछले दो दशक से अधिक समय से भाकपा को क्षेत्र का प्रतिनिधित्च करने का अवसर नहीं मिला.पटना लोकसभा क्षेत्र परिसीमन के बाद पटना साहिब व पाटलिपुत्र दो लोकसभा क्षेत्र में बंट गयी. इस बार जहानाबाद, नालंदा, बक्सर, पटना साहिब व पाटलिपुत्र में भाकपा उम्मीदवार मैदान में नहीं हैं.

पटना के आसपास भाकपा का रहा है वर्चस्व

पटना लोकसभा क्षेत्र में भाकपा के रामावतार शास्त्री 1967, 1971 व 1980 में जीत हासिल की थी. देश में आपातकाल लागू होने के तुरंत बाद हुए 1977 के आम चुनाव में पटना की सीट पर महामाया प्रसाद सिन्हा ने रामशवतार शास्त्री को पराजित कर दिया था.

पर, भाकपा को दो साल बाद हुई मध्यावधि चुनाव में पराजय का बदला लेने का अवसर मिल गया. 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर पटना में भाकपा चुनाव जीत गयी और रामावतार शास्त्री सांसद बने. इससे पहले 1967 में कांग्रेस के आरडी सिन्हा व 1971 में भारतीय जनसंघ के कैलाशपति मिश्र को उन्होने परास्त कर भाकपा के जीत का झंडा लहराया था.

नालंदा में भाकपा के विजय कुमार यादव 1980, 1984 व 1991 में जीत का परचम लहराया था. तीनों बार उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को हरा कर जीत का सेहरा अपने सिर बांधा. 1980 में सिद्धेश्वर प्रसाद, 1984 में पंकज कुमार सिन्हा व 1991 में रामस्वरूप प्रसाद को शिकस्त दी.

बक्सर लोकसभा क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व करने का भाकपा उम्मीदवार को मौका मिला. 1989 व 1991 में भाकपा के तेजनारायण सिंह ने भाजपा के कमल सिंह को हरा कर सांसद बने. जहानाबाद में भाकपा के रामाश्रय प्रसाद सिंह ने लगातार चार बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. उन्होेंने चारों बार कांग्रेस के उम्मीदवार को पराजित किया. 1984 में महेंद्र प्रसाद, 1989 में श्यामनंदन मिश्र, 1991 में महेंद्र प्रसाद व 1996 में जगदीश शर्मा को हरा कर वे चुनाव जीते.

पिछले दो दशक से इन क्षेत्रों में भाकपा की मजबूत दमदारी नहीं दिखी. इस बार भाकपा अपने को बेगूसराय तक ही सीमित कर रखी है. पार्टी ने बाकी की सीटों पर खड़े दूसरे वाम दलों के उम्मीदवारों को समर्थन की घोषणा की है.

Next Article

Exit mobile version