10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सामाजिक ताने-बाने को जो साध लेगा, वही बन जायेगा सिकंदर, बक्सर में अश्विनी चौबे व जगदानंद सिंह के बीच सीधा मुकाबला

मृत्युंजय सिंह बक्सर : बक्सर लोकसभा सीट पर इस बार जातीय समीकरण को साधना ही जीत का सबसे बड़ा मंत्र है. विश्वामित्र की तपोभूमि रही बक्सर की धरती हैरान है. कारण मतदाता चुप हैं. जबकि, चुनाव में राष्ट्रीय और विकास के मुद्दे जाति की लहरों की उफान में डूब-उतरा रहा है. हालांकि, लड़ाई आमने-सामने की […]

मृत्युंजय सिंह
बक्सर : बक्सर लोकसभा सीट पर इस बार जातीय समीकरण को साधना ही जीत का सबसे बड़ा मंत्र है. विश्वामित्र की तपोभूमि रही बक्सर की धरती हैरान है.
कारण मतदाता चुप हैं. जबकि, चुनाव में राष्ट्रीय और विकास के मुद्दे जाति की लहरों की उफान में डूब-उतरा रहा है. हालांकि, लड़ाई आमने-सामने की है. एनडीए की ओर से बीजेपी के अश्विनी कुमार चौबे और महागठबंधन के राजद प्रत्याशी जगदानंद सिंह के बीच सीधा मुकाबला है. वैसे चुनावी मैदान में बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी भी डटे हैं, पर मुख्य मुकाबला भाजपा और राजद के बीच ही दिख रहा है.
भाजपा जहां अपनी मौजूदा सीट बचाने की जद्दोजहद कर रही है, वहीं राजद भाजपा विरोध के मतों के बिखराव रोकने का प्रयास कर रहा. भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा आयोजित है. जबकि, सोमवार को राजद नेता तेजस्वी यादव ने राजद प्रत्याशी जगदानंद सिंह के पक्ष में सभा कर यादव और मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट रहने की अपील की. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अश्विनी चौबे को तीन लाख 19 हजार वोट मिले थे. जबकि दूसरे स्थान पर रहे जगदानंद सिंह को एक लाख 86 हजार से अधिक वोट मिले थे.
इस चुनाव की खास यह थी कि भाजपा के विरोध में खड़े ददन पहलवान को भी एक लाख 84 हजार और जदयू के श्याम लाल कुशवाहा को एक लाख 17 हजार वोट मिले थे. इसलिए राजद ने इस बार कुशवाहा, यादव, दलित और मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश की है.
राजद का मानना है कि 2014 के चुनाव में भाजपा विरोध में पड़े वोट एक होते तो अश्विनी चौबे की डेढ़ लाख से अधिक मतों से पराजय होती. यही कारण है कि भाजपा जहां सवर्ण मतदाताओं के साथ-साथ अतिपिछड़ी जाति के वोटरों को भी लुभाने की कोशिश कर रही है. वहीं, राजद स्थानीय वनाम बाहरी का नारा दे रहा है.
जैसे-जैसे चुनाव की तिथि करीब आती जा रही है, वोटर खुलने लगे हैं. मुस्लिम व यादव राजद के पक्ष में नजर आ रहे हैं. राजपूत वोटरों में अभी बिखराव दिख रहा है, पर समाज और बिरादरी को लेकर एक बहस भी चल रही है. भाजपा के प्रत्याशी अश्विनी कुमार चौबे विकास के नाम पर 2019 लोकसभा चुनाव की वैतरणी को पार करना चाहते हैं. इस बार कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
चार सीट एनडीए के कब्जे में फिलहाल बक्सर लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा सीटों में से चार
एनडीए के कब्जे में हैं. ब्रह्मपुर, राजपुर, बक्सर, रामगढ़, डुमरांव और दिनारा विधानसभा सीट हैं, जिनमें तीन सीट जदयू के हिस्से में है. ये सीटें है दिनारा, डुमरांव और राजपुर. जबकि एक सीट बीजेपी की है, वह रामगढ़ विधानसभा है.
जबकि बक्सर विधानसभा सीट कांग्रेस की और ब्रह्मपुर विधानसभा सीट राजद के खाते में है. 2019 में कुल मतदाताओं की संख्या 18,11,992 हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,56,937 व कुल महिला मतदाताओं की संख्या 8,55, 028, कुल सर्विस मतदाताओं की संख्या 9557, कुल थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 26, कुल दिव्यांगजन मतदाताओं की संख्या 14 हजार 407 है.
दर्द कोई नहीं सुनता
बक्सर लोकसभा क्षेत्र धान के कटोरा के रूप में जाना जाता है. मगर यहां के किसानों का दर्द कोई नहीं सुनता है. यहां के किसानों से वादा करके विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लोग संसद में पहुंचे. मगर किसानों के उपज का वाजिब मूल्य दिलाने में नाकाम रहे. पहले यहां डुमरांव में चीनी मिल हुआ करती थी, मगर अब बंद है. किसी ने फिर इस चीनी मिल को चालू कराने की कोशिश नहीं की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें