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खास बातचीत: बोले भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव- मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा को पूर्ण बहुमत

भाजपा के राज्यसभा सांसद सह बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव लोकसभा चुनाव में एनडीए सरकार की वापसी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. सातवें व अंतिम चरण के चुनाव से पहले प्रभात खबर से हुई विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम बहुत स्पष्ट है. इसे दीवार पर लिखी गयी हुई इबारत की तरह साफ […]

भाजपा के राज्यसभा सांसद सह बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव लोकसभा चुनाव में एनडीए सरकार की वापसी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. सातवें व अंतिम चरण के चुनाव से पहले प्रभात खबर से हुई विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम बहुत स्पष्ट है. इसे दीवार पर लिखी गयी हुई इबारत की तरह साफ पढ़ा जा सकता है. भाजपा को नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व मेें पूर्ण बहुमत मिल रहा है. एनडीए के सहयोगी दलों के साथ हम पिछली बार से अधिक सीटों पर जीत रहे हैं. पेश है सुमित कुमार से हुई उनकी बातचीत के प्रमुख अंश.

छह चरणों के चुनाव के बाद एनडीए की स्थिति क्या है?
जनता ने देश की सुरक्षा और विकास पर वोट दिया है. जो रुझान और जनभावनाएं आ रही हैं, उससे स्पष्ट है कि यह इस चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और भारत की विश्व में बढ़ती हुई साख को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को विस्तार देने का जनसमर्थन प्राप्त हुआ है.बिहार में एनडीए पिछली बार से अधिक सीटें जीतेंगी. सातवें चरण में भी हमें सभी सीटों पर जनता का आशीर्वाद और समर्थन मिलेगा.

विपक्ष लालू जी को केंद्र में रखकर सहानुभूति वोट मांग रहा है. उसका कितना असर रहा?

इसका कोई परिणाम नहीं हुआ है. लालू जी के जेल जाने के जिम्मेदार मुख्य शिकायकर्ता शिवानंद तिवारी खुद राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. उसका श्रेय लेने वाले शरद यादव उनके उम्मीदवार हैं. जहां उनका परिवार एकमत नहीं है, बाकी समाज कैसे एकमत हो सकता है? लोगों को स्पष्ट है कि यह चुनाव भारत के प्रधानमंत्री का चुनाव है और इसमें राजद की कोई भूमिका नहीं रहने वाली. तेजस्वी यादव की साख इस बात से समझी जा सकती है कि उन्होंने जिन बहनजी के पैर छुए, उनकी पार्टी बिहार में इनके खिलाफ चुनाव लड़ रही है.
विपक्ष के संविधान पर खतरा और आरक्षण जैसे मुद्दे कितने कारगर रहे?
जब वो कहते हैं कि संविधान बचायेंगे तो समझिए कि अपने परिवार को बचाने की बात कर रहे हैं. जब वो कहते हैं कि हम सियासत में हैं तो समझिए कि अपने पिता की विरासत के लिए दोनों भाई झगड़ रहे हैं. आरक्षण की बात करें तो समझिए कि वे अपने परिवार के आरक्षण के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.
आरक्षण पर राजद से बड़ा झूठ कोई नहीं बोल सकता. पिछड़ों के लिए आयोग को जब संवैधानिक दर्जा दिया जा रहा था और कांग्रेस राज्यसभा में इसका विरोध कर रही थी, तब राजद कांग्रेस के साथ थी. राज्यसभा में राजद ने इसके पक्ष में एक शब्द भी नहीं बोला.
जदयू ने फिर से विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठायी है?
नीतीश कुमार जी लगातार जनसभाओं में बिहार के विकास की बात कर रहे हैं. इसलिए उनके द्वारा बिहार के विकास की जो संकल्पना आगे बढ़ी है, वह पिछले 13 वर्षों में हर दृष्टि में सफल रही है. भाजपा भी विकास के लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है. यही कारण है कि 14वें वित्त आयोग में पिछली सरकारों की तुलना में अधिक राशि दी गयी है. बिहार के विकास के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.
चुनाव बाद नीतीश कुमार की भूमिका पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है?
हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है. भाजपा-जदयू स्वभाविक साथी है. लोहिया और दीनदयाल जी के विचारों में जो समानता थी, दोनों दल उसको लेकर आगे बढ़ रहे हैं. राजद के नेता ख्याली पुलाव पका रहे हैं. जनता उनकी असलियत को जानती है. राजद के लोग इतने अभिमानी हैं कि खुद को कृष्ण बताते हैं. सारी संसारिक दुर्बलताओं और भ्रष्टाचार से जुड़े यह लोग कृष्ण कैसे हो सकते हैं? यह उनका अभिमान है.
बंगाल की हिंसा और चुनाव आयोग की कार्रवाई को किस रूप में देखते हैं?
बंगाल में ममता बनर्जी के शासनकाल में पूरी संवैधानिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. टीएमसी हिंसा को लेकर चुनाव में आगे बढ़ना चाहती है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. हम मानते हैं कि चुनाव आयोग ने यह निर्णय लेकर सही कदम उठाया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया था. टीएमसी की शह पर एक षड्यंत्र के तहत हमला किया गया था.
उनकी सरकार जा रही है, इस हताशा में हमला किया गया था. बंगाल की जनता उनको सही जवाब देगी. आयोग को सातवें फेज में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधिक तत्वों का सरेंडर कराया जाये. राजनीति और अपराध साथ-साथ नहीं चल सकते.
राहुल गांधी के भाषणों का कितना प्रभाव रहा?
राहुल गांधी ने अपने बोले गये झूठ के लिए सर्वोच्च न्यायालय से माफी मांगी है. उनकी विश्वसनीयता किसी प्रकार से बची नहीं है. राहुल जी ने पूरे चुनाव में केवल प्रधानमंत्री जी को गालियां देने का काम किया है. शायद उनकी राजनीतिक शब्द कोष में शब्द कम और गालियां अधिक हो गयी हैं. इस पर उन्हें विचार करना चाहिए.
झारखंड में कितनी सीटों पर जीत की उम्मीद है?
झारखंड निर्माण के बाद पहली बार एक सरकार ने स्थिरता के साथ पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है. रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है. इसलिए झारखंड में भाजपा की स्थिति मजबूत है. वहां पर हम पिछली बार से अधिक सीटें जीतेंगे.

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