पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल बनने की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस 10-20 एमपी वाले क्षेत्रीय दल के किसी नेता को प्रधानमंत्री बना कर देश में अस्थिर सरकार और अराजकता पैदा करना चाहती है. ‘मुंगेरी लाल का हसीन सपना’ देख रही कांग्रेस का इतिहास चरण सिंह, चंद्रशेखर, देवगौड़ा और गुजराल जैसी कठपुतली सरकार को बाहर से समर्थन देकर फिर चार-छह महीने में गिराने, अस्थिरता पैदा करने और देश को मध्यावधि चुनाव में झोंकने का रहा है.
देश की जनता कई बार कमजोर और कांग्रेस की बैसाखी पर चलनेवाली सरकार के अंजाम को भुगत चुकी है. 28 जुलाई, 1979 को प्रधानमंत्री बने चौधरी चरण सिंह की सकार को कांग्रेस ने एक महीने भी नहीं चलने दिया और नतीजतन लोकसभा का सामना किये बिना ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा . कांग्रेस की दगाबाजी की वजह से मात्र सात महीने तक चंद्रशेखर और 10 महीने तक चली देवगौड़ा की सरकार का हश्र भी देश देख चुका है. अल्पमत की गुजराल सरकार भी अपना एक साल पूरा नहीं कर पायी.
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हार तय देख कांग्रेस की मंशा फिर किसी मधुकोड़ा और देवगौड़ा की तलाश करने की है. आखिरी चरण के मतदान के पहले प्रधानमंत्री पद की दावेदारी छोड़ कर कांग्रेस 42 सीटों पर चुनाव लड़नेवाली ममता, 35-38 सीटों पर चुनाव लड़ रहे मायावती, अखिलेश तथा चंद्रबाबू नायडू को अपने जाल में फंसा कर देश में अस्थिरता पैदा करना चाह रही है.
मगर इस बार कांग्रेस का मंसूबा पूरा होनेवाला नहीं है, देश की जनता पिछले छह चरणों के चुनाव में ही भाजपा को बहुमत दे चुकी है. आखिरी चरण की 59 सीटों पर जीत हासिल कर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए की सरकार सुनिश्चित है.