पाटलिपुत्र में होगा यादव राजनीति का लिटमस टेस्ट, इस सीट पर रामकृपाल व मीसा में सीधी टक्कर
दीपक कुमार मिश्रा, पटना : सूबे की पाटलिपुत्र सीट राज्य की वीआइपी सीटों में से एक है. यहां से केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनाव मैदान में हैं. उससे भी अहम यह है कि बिहार की यादव राजनीति का भी यहां लिटमस टेस्ट होने वाला […]
दीपक कुमार मिश्रा, पटना : सूबे की पाटलिपुत्र सीट राज्य की वीआइपी सीटों में से एक है. यहां से केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनाव मैदान में हैं. उससे भी अहम यह है कि बिहार की यादव राजनीति का भी यहां लिटमस टेस्ट होने वाला है.
लालू प्रसाद जेल में हैं, ऐसे में अब यादवों पर उनकी कितनी पकड़ है, चुनाव परिणाम यह तय करने वाला है. 2008 में परिसीमन के बाद पाटलिपुत्र सीट अस्तित्व में आयी थी. पिछले दो चुनाव 2009 और 2014 में यहां से यादव उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आये हैं. राज्य की राजनीति में वैसे तो शुरू से ही यादवों का बोलबाला रहा है, लेकिन 60 के दशक के मध्य के बाद से इसमें धीरे-धीरे उभार आता गया.
एक समय रामलखन सिंह यादव बिहार में यादव राजनीति के सिरमौर माने जाते थे. हालांकि बीपी मंडल, राम जयपाल सिंह यादव, अनुप लाल यादव, चुनचुन प्रसाद यादव, डीपी यादव, ज्ञानेश्वर यादव, जगदंबी प्रसाद यादव, अनुप लाल यादव, विनायक प्रसाद यादव आदि की भी अपनी पहचान थी. समाजवादियों में हुकुमदेव नारायण यादव भी चर्चा में रहे. पहले यादव समाज के लोग कांग्रेस के साथ थे. 90 के दशक में जब लालू प्रसाद की राजनीति उभार पर हुई तो यादव उनके साथ हो गये.