पटना : आम चुनाव के आखिरी चरण में बिहार के आठ संसदीय क्षेत्रों के 157 उम्मीदवारों में से चार केंद्रीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इन केंद्रीय मंत्रियों के राजनीतिक भाग्य का फैसला रविवार को होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराये आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में जिन आठ सीटों पर चुनाव होना है, उनमें पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, काराकाट, सासाराम, नालंदा और जहानाबाद संसदीय क्षेत्र शामिल हैं. प्रदेश के करीब 1.52 करोड़ मतदाता 15,811 मतदान केंद्रों पर रविवार को मताधिकार का इस्तेमल करेंगे. इनमें से सात सीटों पर पिछली बार एनडीए ने जीत दर्ज की थी. इनमें पांच सीटों पर भाजपा और दो पर रालोसपा का कब्जा है. रालोसपा हालांकि, इस बार ‘महागठबंधन’ का हिस्सा है. एक सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जेडीयू ने जीती थी, जो उससमय अलग चुनाव लड़ रही थी. लेकिन, इस बार एनडीए का हिस्सा है.
डेहरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होगा. यह सीट आरजेडी विधायक और पूर्व राज्य मंत्री मोहम्मद इलियास हुसैन की अयोग्यता को लेकर पिछले साल रिक्त हुई थी. सबसे दिलचस्प चुनाव पटना साहिब सीट पर है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल रविशंकर प्रसाद लोकसभा में प्रवेश की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, प्रसाद के सामने उनकी पार्टी के ही बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा की चुनौती है, जो दो बार यहां से जीते हैं और अब कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. पड़ोसी सीट पाटलीपुत्र आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गयी है. आरा में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भाकपा के राजू यादव को चुनौती देंगे. बक्सर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे दूसरी बार इस सीट को हासिल करने की कोशिश हो रहे हैं. उन्हें वरिष्ठ आरजेडी नेता जगदानंद सिंह से चुनौती मिलने जा रही है.