सड़कों पर सन्नाटा, इक्के दुक्के वाहन ही नजर आये

पटना : रविवार को पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और इक्के दुक्के वाहन ही नजर आये. उनमें भी ज्यादातर निजी वाहन थे जो लोग मतदान केंद्रों तक जाने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. सार्वजनिक वाहनों का आवागमन बहुत कम था और ये रिजर्व में ही वे आ-जा रहे थे. शाम पांच बजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2019 4:22 AM

पटना : रविवार को पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और इक्के दुक्के वाहन ही नजर आये. उनमें भी ज्यादातर निजी वाहन थे जो लोग मतदान केंद्रों तक जाने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. सार्वजनिक वाहनों का आवागमन बहुत कम था और ये रिजर्व में ही वे आ-जा रहे थे. शाम पांच बजे के बाद सड़क पर शेयर वाले ऑटो व इ-रिक्शा का आवागमन शुरू हुआ और देर शाम तक उनका परिचालन सामान्य हुआ.

स्टेशन पर कई घंटों तक फंसे रहे रेल यात्री : पटना जंक्शन पर सुबह में ऑटो व इ-रिक्शा बिल्कुल नदारद दिखे. प्रीपेड ऑटो सेवा का काउंटर खुला था लेकिन गाड़ियां उपलब्ध नहीं होने के कारण वह भी यात्रियों को वाहन नहीं उपलब्ध करवा पा रहा था. इसके कारण स्टेशन पर कई घंटों तक रेल यात्री फंसे रहे. राजेंद्र नगर टर्मिनल पर स्थिति और भी बुरी थी क्योंकि वहां प्रीपेड काउंटर भी नहीं था जो यात्रियों को देर सवेर वाहनों के उपलब्ध होने का दिलासा दे पाता.
पाटलिपुत्रा जंक्शन, दानापुर स्टेशन और पटना साहिब स्टेशन की भी यही स्थिति थी. सुबह 10 बजे तक यह स्थिति बनी रही. उसके बाद अपना वोट सुबह डाल चुके कुछ ऑटो चालकों ने रिजर्व सेवा देना शुरू किया और रिजर्व ऑटो के आने से प्रीपेड सेवा की स्थिति भी सुधरी. फिर भी पूरे दिन ऑटो और इ-रिक्शा की किल्लत बनी रही.
हवाई यात्रियों को भी घर तक पहुंचने के लिए करना पड़ा इंतजार
एयरपोर्ट पर भी सुबह में वाहनों की किल्लत दिखी. टैक्सी न के बराबर थे, ऑटो रिक्शा तो पार्किंग से बिल्कुल ही गायब थे. ओला और उबर भी बहुत कम उपलब्ध थे. इसके कारण सुबह नौ बजे तक यात्रियों को बहुत परेशानी हुई और जिनको लेने अपना वाहन नहीं आया था, उन्हें टर्मिनल में ही बैठ कर इंतजार करना पड़़ा.
उसके बाद बीएसआरटीसी की नगर सेवा ने उनको राहत दी और ज्यादातर यात्री उसी से घरों की ओर निकले. दोपहर 10 बजे के बाद कुछ ऑटो और टैक्सी एयरपोर्ट पर पहुंचे. फिर भी किल्लत बनी रही.
कम खुली लांग रूट की बसें : लांग रूट की बसों पर भी मतदान का असर देखने को मिला. मीठापुर बस स्टैंड से दिन में खुलने वाली 30-35 फीसदी बसें ही निकली जबकि बांकीपुर बस स्टैंड से निकलने वाली लांग रूट की बसें रात में निकली. एक बड़ी वजह दिन में यात्रियों की कमी भी रही.

Next Article

Exit mobile version