पटना: लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान के बाद आयेएक्जिट पोल को महागठबंधन के सभी दलों ने सरासर गलत बताते हुए कहा कि इस झूठे एक्जिट पोल की आड़ में बड़ी धांधली की आशंका है. होटल मौर्या में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और हम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीएल वैश्यंत्री ने संयुक्त रूप से कहा कि आज देश में जो माहौल बनाया जा रहा है वो खतरनाक है.
महागठबंधन के नेताओं ने कहा, देश के कई हिस्सों से ईवीएम पकड़े जाने की खबरें आ रही है. इसमें 20 लाखईवीएम गायब है, जिसका ब्यौरा चुनाव आयोग के पास नहीं है. यह देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. उन्होंने मतगणना के दौरान होने वाली गड़बड़ी को लेकर महागठबंधन के कार्यकर्ताओं और आम जनता से सतर्क रहने की अपील की.
उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म होने के बाद जिस तरह एक्जिट पोल आये और सोशल मीडिया से लेकर मीडिया के हर माध्यम में ईवीएम मशीन को लेकर देशभर से आ रही खबरें इस बात की ओर इशारा करती है कि इस बार एनडीए की जमीन खिसक चुकी है. इसलिए चुनाव जीतने के लिये उनकी ओर से लोकतंत्र का गला घोंटने की तैयारी चल रही है, जिसमें उनका साथ बहुत हद तक प्रशासनिक अधिकारी भी दे रहे हैं. यह बेहद शर्मनाक और चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी ज्यादा मत गिनने की शिकायत कई जगह पर हुई थी. उदाहरण के तौर पर 2,42,000 मत पड़े और सभी प्रत्याशियों के मतो का मिलान करने पर 254000 के लगभग मत हो जाने की शिकायत हुई थी. चुनाव आयोग से यह मांग है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए ईमानदारी पूर्वक गणना कराई जाये.
महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि एक्जिट पोल के जरिये हवा बनाने की कोशिश की गयी है कि विपक्ष हार रही है. लेकिन, इस पोल में कई खामियां हैं. जैसे जिस पार्टी ने चुनाव भी नहीं लड़ा उनको भी एक्जिट पोल में जगह मिल रही है. बिहार में लोजपा ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक न्यूज चैनल ने एक्जिट पोल में लोजपा को 7 सीटें दे दी. उसी तरह एक दूसरे न्यूज चैनल ने तो हद कर दी और 40 की 40 सीटें एनडीए को दे दी, जो साबित करता है कि एक्जिट पोल पूरी तरह से गलत है. हम इस एग्जिटपोल को नहीं मानते हैं, क्योंकि हमेशा एक्जिट पोल के परिणाम गलत साबित हुए हैं. चाहे वो राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में भी एक्जिट पोल गलत साबित हुए. इसलिए महागठबंधन के तमाम दल 23 मई का इंतजार करेंगे.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 एवं 2014 के एक्जिट पोल भी गलत साबित हुए थे. 23 मई 2019 को मतगणना के दिन यह स्पष्ट हो जायेगा कि सारे एक्जिट पोल गलत साबित हुए और यूपीए को भारी बहुमत मिला. पिछले 5 सालों में देश के अंदर गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से देश की जनता त्रस्त रही. नोटबंदी, जीएसटी ने देश की अर्थव्यवस्था को काफी कमजोर कर दिया और देश की संवैधानिक संस्थाओं को बदहाली के कगार पर ला दिया. इन सारे सवालों को प्राथमिकता में रखते हुए इस चुनाव में देश की जनता ने भाजपाएनडीए सरकार के खिलाफ जनादेश देने का संकेत दिया है.
महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि यह चुनाव सत्ताधारी दल के हिसाब से हुआ है, लेकिन फिर भी जनता ने उन्हें नकार दिया है. इस बार चुनाव में पूरे प्रदेश में महागठबंधन के नेताओं और उम्मीदवारों को प्रशासन द्वारा परेशान किया गया है. बावजूद इसके हमने पूरी मजबूती से चुनाव लड़ने का काम किया और हम दावे के साथ कह रहे हैं कि इस बार एनडीए के जाना तय है, बशर्ते मतगणना निष्पक्ष तरीके से हो.
महागठबंधन के नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि मतगणना के दिन पूरे प्रदेश में मतगणना केंद्र के बाहर महागठबंधन के लोग मजबूती से खड़े रहें, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके. अगर वहां किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होती है तो महागठबंधन के कार्यकर्त्ता स्थिति के हिसाब से अपने अनुकूल एक्शन लें और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ को रोकें. साथ ही हम प्रशासन के लोगों से निष्पक्ष मतगणना सम्पन्न कराने की मांग करते हैं. यह देश और देश के लोकतंत्र का सवाल है, जिसके साथ महागठबंधन कोई खिलवाड़ नहीं होने देगा. इस संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मंत्री सह राजद नेता आलोक महेता, हम पार्टी के दानिश रिजवान, विजय कुमार, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर, मधुकर आनंद आदि महागठबंधन के नेता मौजूद रहे.