बिहार में मोदी-नीतीश की सुनामी, 40 में 39 सीटें एनडीए की झोली में, राजद का नहीं खुला खाता
पटना : लोकसभा चुनाव में बिहार में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की सुनामी रही. 40 सीटों में रिकॉर्ड 39 पर एनडीए को जीत मिली है. एकमात्र किशनगंज की सीट कांग्रेस की झोली में गयी है. यहां कांग्रेस के मो जावेद चुनाव जीतने में सफल रहे. राज्य की जनता ने 2014 के रिकार्ड को धवस्त […]
पटना : लोकसभा चुनाव में बिहार में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की सुनामी रही. 40 सीटों में रिकॉर्ड 39 पर एनडीए को जीत मिली है. एकमात्र किशनगंज की सीट कांग्रेस की झोली में गयी है. यहां कांग्रेस के मो जावेद चुनाव जीतने में सफल रहे. राज्य की जनता ने 2014 के रिकार्ड को धवस्त करते हुए एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया.
राजद, मुकेश सहनी की वीआइपी, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और जीतनराम मांझी के हम का खाता नहीं खुला है. उपेंद्र कुशवाहा को खुद दोनों सीटों उजियारपुर और काराकाट, मांझी को गया और मुकेश सहनी को खगड़िया से हार का सामना करना पड़ा.
सबसे अधिक वोटों से मधुबनी से भाजपा के अशोक यादव ने जीत दर्ज की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी वीआइपी के बद्री पूर्वे को चार लाख 54 हजार 106 मतों से हराया. वहीं, बेगूसराय से भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भाकपा के कन्हैया कुमार को चार लाख 19 हजार 660 मतों से पराजित किया.
एनडीए का खाता दरभंगा सीट से खुला, जहां भाजपा के उम्मीदवार गोपालजी ठाकुर ने राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी को करीब दो लाख से अधिक मतों से हरा दिया. गोपालजी ठाकुर की जीत का रुझान शुरुआती दौर से ही मिलने लगा था. कांटे की टक्कर पाटलिपुत्र की सीट पर दिखी, जहां आखिरी राउंड तक राजद की मीसा भारती और भाजपा के रामकृपाल यादव ऊपर-नीचे होते रहे. 10वें राउंड के बाद ही भाजपा के रामकृपाल यादव का लीड हो पाया.
इसके बाद मिली बढ़त उनकी कायम रही. कुछ राउंड तक जहानाबाद में भी राजद के सुरेंद्र यादव ने अपनी बढ़त बनाये रखी थी. लेकिन, 11वें राउंड के बाद वह पिछड़ने लगे.कांग्रेस की एकमात्र उम्मीद किशनगंज लोकसभा सीट पर बरकरार रही. पार्टी के उम्मीदवार मो जावेद ने अंतिम राउंड में जदयू उम्मीदवार को परास्त किया.
सारी सीटों पर हार गया राजद
19 सीटों पर चुनाव लड़े राजद के सारे उम्मीदवार चुनाव हार गये. पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को उजियारपुर और काराकाट दोनों ही जगहों पर जनता ने नकार दिया.
यही स्थिति सन आॅफ मल्लाह मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम की हुई है. मुकेश सहनी, उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी खुद भी चुनाव हारे और उनके एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाये.
भाजपा व लोजपा की 100% स्ट्राइक रेट रही
भाजपा और लोजपा की 100% स्ट्राइक रेट रही. भाजपा ने 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे, जिनमें सारे के सारे चुनाव जीत गये. दो सांसदों वाली पार्टी जदयू के 17 में 16 उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे. उसे सिर्फ किशनगंज में हार मिली. लोजपा के सभी छह उम्मीदवार चुनाव जीत गये. भाजपा के सभी केंद्रीय मंत्री चुनाव जीतने में सफल रहे. पटना साहिब की सीट पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारी मतों से कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को हरा दिया.
इस लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बिहार मेें 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की है. एकमात्र किशनगंज की सीट छोड़कर सभी सीटों पर एनडीए ने कब्जा जमाया है. सबसे खास बात है कि 1990 से 2005 तक राज्य की सत्ता में रहे राजद का खाता भी नहीं खुल पाया.
वहीं, राजद के सहयोगी दल रालोसपा, हम व वीआइपी भी शून्य रहे. साथ ही इन तीनों दलों के अध्यक्ष स्वयं चुनाव हार गये. इसके साथ ही डेहरी व नवादा विधानसभा उपचुनाव में भी एनडीए को जीत मिली है. ये दोनों सीटें पहले राजद के कब्जे में थीं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस जीत के िलए राज्य की जनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी.