कृष्ण
पटना : लोकसभा चुनाव में जदयू के 16 उम्मीदवारों के जीत हासिल करने से नया रिकॉर्ड बन गया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू को केवल दो सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी. ऐसे में जदयू को 14 सीटों का फायदा हुआ है. साथ ही एनडीए में शामिल भाजपा और लोजपा को भी अनुमानित सफलता मिली है. वहीं अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर जीत पाने और पिछले साल नागालैंड विधानसभा चुनाव में एक सीट पर जीत हासिल कर जदयू राष्ट्रीय दल की मान्यता की तरफ बढ़ गया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने एनडीए गठबंधन से अलग होकर 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
इसमें से केवल दो सीटें नालंदा और पूर्णिया में सफलता मिली थी. इस बार सीटों के बंटवारे में भाजपा ने अपनी पांच मौजूदा सीटें जदयू को दी तो इसका सीधा फायदा एनडीए गठबंधन को मिला. ऐसे में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले यदि इस बार एनडीए गठबंधन को अधिक सीटें हासिल हुई हैं, तो इसमें जदयू की हिस्सेदारी और उसकी ताकत दिखती है. देश में पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार में सीएम नीतीश कुमार के चेहरे पर यह चुनाव लड़ा गया था. चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार ने भी अपनी सरकार द्वारा राज्य में किये गये काम के आधार पर वोट मांगा था. उन्होंने इसी आधार पर जदयू उम्मीदवारों के साथ-साथ भाजपा और लोजपा उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार किया और लोगों से वोट मांगा.
राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता पाने की तरफ बढ़ रहा
जदयू ने अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कुल 60 में से 15 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. उसमें से सात सीटों पर विजय मिली. इसके साथ ही पिछले साल नागालैंड विधानसभा चुनाव में एक सीट पर जीत हासिल हुयी थी. ऐसे में बिहार सहित कुल तीन राज्यों की विधानसभा में जदयू के प्रतिनिधि हैं. इस संबंध में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा हासिल करने की तरफ जदयू बढ़ रहा है.