पटना: लोकसभा चुनाव में अपना खाता खोलने में नाकाम रही पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को रविवार को एक और झटका उस समय लगा जब द्विसदन विधानमंडल में उसके सभी तीनों सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो गये. इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और विधानपरिषद के उपसभापति हारुन रशीद ने कहा कि आरएलएसपी के दो विधायकों ललन पासवान और सुधांशु शेखर और विधानपरिषद सदस्य संजीव सिंह श्याम ने शुक्रवार को इस संबंध में पत्र भेजे थे.
चौधरी और रशीद ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘विधायकों ने जदयू से अनुमोदन के पत्र भी संलग्न किए थे. उन्हें औपचारिकताओं के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया था. इसलिए, उन्हें जदयू विधायक माना जाएगा.” उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व आरएलएसपी के विधायकों ने कुशवाहा के राजग से संबंध खत्म करके महागठबंधन में शामिल होने के निर्णय का विरोध किया था. उन्होंने घोषणा की है कि वे सत्तारूढ़ गठबंधन में बने रहेंगे और चुनाव आयोग से ‘‘वास्तविक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी” के रूप में मान्यता प्राप्त करेंगे.
बिहार में लोकसभा चुनावों में राजग को जबरदस्त सफलता मिली है जहां उसने राज्य की 40 सीटों में से एक सीट को छोड़कर सभी पर जीत हासिल की है. कुशवाहा 2013 तक जदयू के साथ थे. इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मतभेदों के चलते पार्टी और राज्यसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और राजग के साथ जुड़ गये और 2014 के लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा और तीनों पर जीत हासिल की. हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में आरएलएसपी ने राजद, कांग्रेस और दो अन्य छोटे संगठनों के साथ गठबंधन में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.