जून के पहले सप्ताह में कांग्रेस करेगी समीक्षा
पटना : लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ने के बावजूद नौ उम्मीदवारों में मात्र एक उम्मीदवार जीतने में सफल हुए. जबकि, पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में दो सीट पर चुनाव जीती थी. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 6़ 4 फीसदी वोट मिले थे. इस बार 7़ 7 फीसदी वोट मिले हैं. […]
पटना : लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ने के बावजूद नौ उम्मीदवारों में मात्र एक उम्मीदवार जीतने में सफल हुए. जबकि, पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में दो सीट पर चुनाव जीती थी. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 6़ 4 फीसदी वोट मिले थे. इस बार 7़ 7 फीसदी वोट मिले हैं. पांच विधानसभा क्षेत्र को छोड़ कर कहीं भी कांग्रेस वोट बढ़त दिलाने में सफल नहीं रही. इसमें किशनगंज में तीन विधान सभा क्षेत्र शामिल हैं, जहां से मो जावेद चुनाव जीते हैं.
महागठबंधन के साथ तालमेल के बावजूद कांग्रेस चुनाव में करारी हार के कारणों का पता लगाने के लिए जून के पहले सप्ताह में पार्टी के नेता जुटेंगे. इसमें पार्टी के शीर्ष नेता उन सभी बिंदुओं पर समीक्षा करेंगे, जो हार के कारण रहे हैं.
पार्टी सूत्राें के अनुसार चुनाव में शीर्ष नेताओं का क्षेत्र में भ्रमण नहीं होने, सीटों का तालमेल सही तरीके से नहीं होने, कांग्रेस चुनाव अभियान समिति का कारगर नहीं दिखना सहित अन्य बिंदु शामिल हैं. कांग्रेस के कुछ नेता पार्टी लाइन से हटकर चुनाव लड़े. वहां सहयोग करने वाले विधायक के क्षेत्र में सबसे कम वोट मिले हैं. विधान सभा में कांग्रेस के 27 विधायक हैं.
आलाकमान को करायेंगे अवगत
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा ने कहा कि समीक्षा के बाद कार्यकर्ताओं की भावना से आलाकमान को अवगत कराया जायेगा. यह पूछे जाने पर कि आगामी चुनावों में कांग्रेस के महागठबंधन में बने रहने पर भी फैसला होगा, इस पर उन्होंने कहा कि यह आलाकमान के स्तर पर तय होना है. डॉ ने कहा कि बिहार में कांग्रेस का महागठबंधन के साथ रहने का निर्णय आलाकमान को तय करना है, लेकिन कार्यकर्ताओं की भावना से आलाकमान को अवगत कराना है. चुनाव में कांग्रेस को अकेले लड़ने को लेकर कांग्रेसी नेता प्रमुखता से उठा रहे थे.
बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति िसंह गोिहल हार के कारणों की समीक्षा के लिए बनने वाली सब कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले हैं. नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ हार के कारणों का एसेस्मेंट करेंगे. नाम नहीं छापने की शर्त पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि जिन नेताओं को चुनाव अभियान का प्रभारी बनाया गया उसकी भूमिका कारगर नहीं रही. पार्टी के कुछ वरीय नेता इस दौरान भोपाल में घूमते रहे.
कुछ नेता रिश्तेदारों को टिकट दिलाने से लेकर चुनाव जिताने में लगे रहे. वहीं, डॉ मदन मोहन झा ने चुनाव परिणाम पर जनता के निर्णय का स्वागत करते हुए जीतने वालों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि चुक कहां हुई इसे लेकर शीर्ष नेताओं के साथ जून के पहले सप्ताह में विचार-विमर्श करेंगे. साथ ही पार्टी की मजबूती के लिए कार्यक्रम भी तय होंगे.
सीटों का तालमेल सही से नहीं हुआ : सदानंद िसंह
कांग्रेस की हार के कारणों के लिए कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने सीटों का तालमेल सही तरीके से नहीं होने की बात कही है. सीटों की संख्या को लेकर कहा कि यह पर्याप्त नहीं थी.
बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हार के बहुत से कारण होते हैं. इन सभी कारणों को देखना है. इसके लिए पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श करेंगे. इसमें देखना है कि कहां व किस तरह की गड़बड़ी हुई है.सारे बिंदुओं पर एसेस्मेंट कर हार के कारणों की समीक्षा के लिए बनने वाली सब कमेटी के पास सभी तथ्यों को रखा जायेगा.