पेयजल संकट वाले 24 जिलों में 12 दिनों में किये जाएं उपाय
पटना : बिहार के सभी जिलों में गर्मी आते ही धीरे-धीरे पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है. दो दर्जन जिलों में स्थिति भयावह होती जा रही है. राज्य सरकार ने इन जिलों में तैनात अधिकारियों को 12 दिनों की मोहलत देते हुए तत्काल उपाय करने को कहा है. सोमवार को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने […]
पटना : बिहार के सभी जिलों में गर्मी आते ही धीरे-धीरे पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है. दो दर्जन जिलों में स्थिति भयावह होती जा रही है. राज्य सरकार ने इन जिलों में तैनात अधिकारियों को 12 दिनों की मोहलत देते हुए तत्काल उपाय करने को कहा है. सोमवार को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने 24 से अधिक जिलों से आयी रिपोर्ट की समीक्षा की.
प्रभावित सभी जिलों के डीएम को अपने स्तर पर पेयजल संकट दूर करने के लिए दिशा-निर्देश देने और काम की समीक्षा जिला स्तर पर करने का निर्देश दिया गया है. विभाग ने कहा कि जिस योजना के मद से नल या चापाकल को दुरुस्त करना है, उसे ठीक किया जाये. इंजीनियरों को भी पेयजल संकट से लोगों को निजात दिलाने के लिए 12 दिनों का टास्क दिया गया है.
क्रिटिकल पंचायतों में 30% काम अब भी बाकी
जिन जिलों में जल स्तर में गिरावट हुई है या हो रही है, ऐसी जगहों पर आइएम-2 व आइएम-3 पंप के साथ पूर्व से निर्मित चापाकलों को चालू रखने का निर्देश दिया गया है. जहां चापाकल की आवश्यकता हो, वहां आपदा से स्वीकृत राशि का उपयोग कर सकते हैं.
आइएम-2 व आइएम-3 पंप में पाइप बढ़ाने और बदलने की जरूरत हो, वहां काम तेजी से काम हो रहा है, लेकिन अभी 30 प्रतिशत काम बाकी है.
इन जिलों की रिपोर्ट की समीक्षा : पटना, लखीसराय, मुंगेर, जमुई, भागलपुर, बांका, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, नालंदा, गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, रोहतास, कैमूर, शेखपुरा, लक्खीसराय, खगड़िया, सहरसा, कटिहार.