पटना : राज्यपाल सचिवालय नैक मान्यता को लेकर सख्त
पटना : राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रधान सचिव आरके महाजन को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से नैक की मान्यता को लेकर यूएमआइएस व एचएड पोस्ट की तैयारियों के बारे में प्रगति रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया है. इस संबंध में सोमवार को राज्यपाल के निर्देश पर राज्यपाल सचिवालय में समीक्षा बैठक का आयोजन […]
पटना : राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रधान सचिव आरके महाजन को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से नैक की मान्यता को लेकर यूएमआइएस व एचएड पोस्ट की तैयारियों के बारे में प्रगति रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया है.
इस संबंध में सोमवार को राज्यपाल के निर्देश पर राज्यपाल सचिवालय में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें संयुक्त सचिव विजय कुमार, ओएसडी अहमद महमूद, एनआइसी प्रभारी विजय कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया.
समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आया कि राज्य के सभी 260 अंगीभूत महाविद्यालयों ने एआइएसएचइ में नैक की मान्यता को लेकर आवेदन कर दिया है. सूचना के अनुसार राज्य के कुल 260 अंगीभूत महाविद्यालयों 99 पूर्व से ही ‘नैक एक्रीडेटेड’ हैं. बाकी 161 महाविद्यालयों में से 125 ने आइआइक्यूए दाखिल कर दिया है. आइआइक्यूए कर चुके 125 अंगीभूत महाविद्यालयों में 45 ने एसएसआर भी दाखिल कर दिया है. वहीं, शेष 80 अंगीभूत महाविद्यालयों को एसएसआर दाखिल करते हुए राज्यपाल सचिवालय को प्रतिवेदित करने के सख्त निदेश दिये गये.
एजेंसी का चयन करने का निर्देश : समीक्षा बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि वीर कुंवर सिंह विवि, बाबासाहब भीमराव आंबेडकर विवि, मुजफ्फरपुर अभी तक यूएमआइएस के कार्यान्वयन के लिए कार्यकारी एजेंसियों का चयन नहीं कर पाये हैं. इन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को तुरंत एजेंसी चयन करने का निर्देश दिया गया है. ताकि, ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया समय से पूरी हो सके.
आज तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की होगी बैठक
राज्यपाल के निर्देशानुसार उनके प्रधान सचिव महाजन ने चार जून, 2019 को मगध विवि, बोधगया, बीआरए बिहार विवि, मुजफ्फरपुर व बीएन मंडल विवि, मधेपुरा के कुलपतियों की बैठक भी राजभवन में बुलायी है.
इस बैठक में मगध विवि के अधीन ‘मान्यता प्राप्त कॉलेजों’ के विद्यार्थियों के लंबित परीक्षाफलों पर भी विचार किया जायेगा. इन तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक में यह भी जानकारी प्राप्त की जायेगी कि राज्य सरकार से बगैर मान्यता प्राप्त किये कितने कॉलेजों ने नामांकन लिया था. बैठक में संबंधित तीनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों व परीक्षा-नियंत्रकों को भी शामिल होना हैं.