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5520 व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन रद्द, 1893 को नोटिस, टैक्स चोरी करने के निकाल लिये कई रास्ते
जीएसटी समय पर जमा नहीं करने और कई तरह की गड़बड़ियों को लेकर विभाग के स्तर पर की गयी कार्रवाई पटना : जीएसटी लागू होने के बाद गड़बड़ी करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई भी शुरू हो गयी है. जीएसटी जमा नहीं करने, सेल या फर्जी कंपनियों के आधार जीएसटी की चोरी और फर्जी इनव्हाइस के […]
जीएसटी समय पर जमा नहीं करने और कई तरह की गड़बड़ियों को लेकर विभाग के स्तर पर की गयी कार्रवाई
पटना : जीएसटी लागू होने के बाद गड़बड़ी करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई भी शुरू हो गयी है. जीएसटी जमा नहीं करने, सेल या फर्जी कंपनियों के आधार जीएसटी की चोरी और फर्जी इनव्हाइस के आधार पर गड़बड़ी करने वाले 5,520 व्यापारियों का निबंधन अब तक रद्द हो चुका है.
इसके अलावा 1893 व्यापारियों के खिलाफ नोटिस भी जारी किया गया है. निबंधन रद्द होने वाले व्यापारियों में उनकी संख्या भी काफी है, जिन्होंने छह महीने से न कोई टैक्स जमा किया है और न कोई रिटर्न ही दायर किया है.
जीएसटी में गड़बड़ी करने के मामले की गहन जांच पिछले वित्तीय वर्ष से ही शुरू की गयी थी. जिन 5,520 व्यापारियों का निबंधन रद्द हुआ है, उसमें 5,026 ऐसे व्यापारी हैं, जिन्हें पिछले वित्तीय वर्ष में टैक्स नहीं देने के कारण नोटिस जारी किया गया था. बार-बार नोटिस देने के बाद भी जब इन व्यापारियों ने टैक्स नहीं दिया, तो उनका निबंधन रद्द करने की कार्रवाई की गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक कई कारणों से गड़बड़ी करने वाले 494 व्यापारियों पर गाज गिर चुकी है.
टैक्स चोरी करने के निकाल लिये कई रास्ते
विभागीय जांच में यह बात सामने आयी है कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य में निबंधित होने वाले व्यापारियों की संख्या सवा लाख से बढ़कर तीन लाख से ज्यादा हो गयी थी. परंतु इसमें बड़ी संख्या में ऐसे व्यापारी भी हैं, जो निबंधन कराने के बाद टैक्स नहीं जमा करते थे.
इसके अलावा कुछ व्यापारियों ने जीएसटी में भी टैक्स चोरी करने का तरीका ढूंढ निकाला था. इसके तहत इन्होंने कई सेल कंपनियों का सहारा लेकर कई तरीकों से एक ही ट्रांजैक्शन को कई फर्जी कंपनियों के बैंक खातों से होते हुए अपने खाते में लेते और फिर इस पर रिटर्न क्लेम करके टैक्स की छूट प्राप्त कर लेते थे. हाल में हुई जांच में बिहार के हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, पटना समेत कई शहरों में ऐसी करीब एक दर्जन सेल कंपनियों के रैकेट का पता चला, जिनके तार नई दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद और यूपी के कई शहरों समेत 19 दूसरे शहरों से जुड़े थे.
इस तरह से 123 सेल कंपनियां सामने आयी, जिनके माध्यम से एक हजार 800 करोड़ से ज्यादा की टैक्स में गड़बड़ी की गयी थी. ऐसी सभी कंपनियों का निबंधन रद्द करके इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है. ऐसे कई तरीके से गड़बड़ी करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
आने वाले समय में ज्यादा सख्त होगी कार्रवाई
केंद्रीय वित्त विभाग ने जीएसटी के माध्यम से प्रत्येक महीने एक लाख करोड़ टैक्स संग्रह का टारगेट रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आने वाले समय में गड़बड़ी करने वाले व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई होगी. जीएसटी का इंटेलिजेंस विंग इसके लिए कई स्तर पर जानकारी जुटाने में लगा हुआ है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले समय में बड़ी गड़बड़ी करने वाले व्यापारियों की सीधे गिरफ्तारी का भी प्रावधान हो सकता है.
जीएसटी लागू होने के बाद कई व्यापारियों ने अलग-अलग तरह से गड़बड़ी करने का रास्ता ढूंढ लिया है. कईयों ने निबंधन कराने के बाद टैक्स भी नहीं किया है. ऐसे सभी व्यापारियों पर विभाग की सख्त नजर है और इनका निबंधन रद्द करने, नोटिस देने के अलावा जरूरत पड़ी तो मुकदमा करने तक की प्रक्रिया तेजी से चल रही है.
रणजीत कुमार (आयुक्त, जीएसटी)
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