पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि राज्य में तेज आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप निर्माण कार्य तेज गति से होने के कारण वर्ष 2018-19 में 4,849 करोड़ का सीमेंट और 3,368 करोड़ का आयरन स्टील बाहर के राज्यों से बिकने के लिए आया. इसी प्रकार लोगों में खर्च करने की क्षमता बढ़ने का नतीजा है कि इसी अवधि में 4,859 करोड़ की मोटरसाइकिल, 4,179 करोड़ की मोटर कार और 5,524 करोड़ के मोबाइल फोन बिकने के लिए यहां आए. वर्ष 2018-19 में 9,098 करोड़ की दवाएं और 2,944 करोड़ का ट्रैक्टर भी बेचने के लिए बिहार लाया गया.
सुशील मोदी ने बताया कि जीएसटी लागू होने के दूसरे वर्ष 2018-19 में पिछले वर्ष 2017-18 की तुलना में राजस्व संग्रह में 26.17 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बिहार की उपलब्धि उल्लेखनीय रही है. इस अवधि में वाणिज्य कर विभाग का कुल राजस्व संग्रह 25,583 करोड़ रहा जिसमें पेट्रोलियम पदार्थों व अन्य करों से 772.78 करोड़ तथा जीएसटी से 24,810. 22 करोड प्राप्त हुआ.
उन्होंने कहा, 01 जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद बिहार में 2,44,609 नए करदाताओं ने निबंधन कराया है जबकि इसके पूर्व वैट और सर्विस टैक्स के तहत मात्र 1,63,323 करदाता ही निबंधित थे. कर राजस्व संग्रह में वृद्धि और नए करदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी यह दर्शा रही है कि बिहार तेज गति से आर्थिक विकास के पथ पर अग्रसर है.