पटना : कांग्रेस की बैठक में फूटा तेजस्वी, मुकेश और उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ गुस्सा

हार पर मंथन. राहुल गांधी के सिवा कोई दूसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजूर नहीं पटना : लोकसभा चुनाव में बिहार में मिली करारी हार के कारणों को ढूंढ़ने के लिए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदाकत आश्रम में रविवार को बैठक हुई. इसमें सहयोगी दलों के खिलाफ जमकर गुबार निकाला गया. जिलाध्यक्षों ने साफ तौर पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 7:30 AM
हार पर मंथन. राहुल गांधी के सिवा कोई दूसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजूर नहीं
पटना : लोकसभा चुनाव में बिहार में मिली करारी हार के कारणों को ढूंढ़ने के लिए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदाकत आश्रम में रविवार को बैठक हुई. इसमें सहयोगी दलों के खिलाफ जमकर गुबार निकाला गया.
जिलाध्यक्षों ने साफ तौर पर राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, सन आॅफ मल्लाह मुकेश सहनी और रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा पर सवाल उठाये. करीब तीन घंटे तक चली बैठक में जिलाध्यक्षों ने कांग्रेस को अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने की सलाह दी.
वहीं, एक स्वर से सभी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से इस्तीफा वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया. प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह धीरज ने प्रस्ताव में यह जोड़ा कि राहुल गांधी के सिवाय कोई दूसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेसजनों को मंजूर नहीं होगा. प्रस्ताव समीर कुमार सिंह ने दिया था. बैठक में सुपौल के जिलाध्यक्ष ने राजद की भूमिका पर सवाल उठाया.
कई जिलाध्यक्षों ने सीटों के तालमेल व चुनाव में प्रत्याशियों के चयन पर भी अंगुली उठाया. जिलाध्यक्षों ने राजद व अन्य दलों पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया. सभी ने कहा कि अगर बिहार में पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ती, तो नतीजा इससे बेहतर होता. जिलाध्यक्षों ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन के नेतृत्व की सराहना की.
राजद व अन्य सहयोगी दलों पर सहयोग नहीं करने का आरोप
जिलाध्यक्षों ने उठाये सवाल
सदाकत आश्रम में हुई बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने की. बैठक में प्रदेश अभियान समिति के चेयरमैन सांसद डाॅ अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह ‘धीरज’, कौकब कादरी, डॉ समीर कुमार सिंह सहित सभी जिलाध्यक्ष उपस्थित थे. बैठक के दौरान कई जिलाध्यक्षों ने कहा कि दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है.
इस सीट से टिकट दिया जाता, तो जीत जरूर मिलती. सुपौल के जिलाध्यक्ष विमल यादव ने कहा कि सुपौल में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष रात में लोगों से संपर्क करते थे. राजद का सहयोग नहीं मिलने के कारण हार हुई. सीतामढ़ी के अध्यक्ष विमल शुक्ला और पूर्णिया की इंदू सिन्हा समेत बेगूसराय, भागलपुर, औरंगाबाद, पूर्णिया, मुंगेर, सारण के जिलाध्यक्ष ने विरोध जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस को छोटे सहयोगी दल ब्लैकमेल करते हैं.
चुनाव के दौरान सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं ने मदद नहीं की. कांग्रेस को गठबंधन से अलग होकर अपने संगठन को मजबूत करना चाहिए.
आलाकमान को भेजी जायेगी रिपोर्ट
समीक्षा के बाद प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा कांग्रेस विधानमंडल दल, प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी व प्रमंडलीय स्तर पर होगी. सभी स्तरों पर लोकसभा चुनावों की समीक्षा के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंपी जायेगी. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच निचले स्तर पर संवादहीनता व समन्वय की कमी भी महागठबंधन के उम्मीदवारों की पराजय का मुख्य कारण रहा.

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