पटना : जिलों में पेयजल संकट, टैंकरों से नहीं पहुंच पा रहा है पानी

पूर्व विधायक, मुखिया, समाजसेवी भेज रहे विभाग को पत्र पटना : बिहार की वैसी पंचायतें जहां पेयजल संकट है, वहां टैंकर और किराये की गाड़ी से पानी पहुंचाने का काम पीएचइडी विभाग कर रहा है. इसके बावजूद जमुई, औरंगाबाद, गया, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, बांका एवं भागलपुर जिलों से पूर्व विधायक, मुखिया, वार्ड समिति सदस्य एवं समाजसेवी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 9:16 AM
पूर्व विधायक, मुखिया, समाजसेवी भेज रहे विभाग को पत्र
पटना : बिहार की वैसी पंचायतें जहां पेयजल संकट है, वहां टैंकर और किराये की गाड़ी से पानी पहुंचाने का काम पीएचइडी विभाग कर रहा है. इसके बावजूद जमुई, औरंगाबाद, गया, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, बांका एवं भागलपुर जिलों से पूर्व विधायक, मुखिया, वार्ड समिति सदस्य एवं समाजसेवी विभाग को पत्र के माध्यम से पेयजल संकट की जानकारी दे रहे हैं. एक दिन पूर्व जमुई के चकाई के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह ने जिले की विभिन्न पंचायतों में पेयजल संकट को लेकर विभाग के मंत्री को पत्र लिखा है.
मंगलवार तक नये टैंकरों की मांगी गयी रिपोर्ट : पेयजल की समस्या से निबटने के लिए 20 जिलों के लिए अभी 499 टैंकरों के माध्यम से लोगों तक पानी पहुंचाया जा रहा है.
साथ ही किराये की गाड़ियों के माध्यम से भी गांव-गांव तक पानी पहुंचाने को लेकर जिला आपदा से मदद ली गयी है. वहीं, विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जहां पानी का लेवल अधिक घटा है, वहां किराये की गाड़ियों को लेकर मंगलवार तक विभाग को पूरी रिपोर्ट दें कि कहां-कहां पानी पहुंचाया जा रहा है.
जियो टैगिंग के लिए मंत्री ने दिया निर्देश
– चापाकलों की मरम्मती के लिए सभी जिलों में 402 मरम्मती दल की तैनाती पूर्व से ही कर दी गयी है, जिसके द्वारा इस वर्ष 15010 चापाकलों की मरम्मती की गयी है. इनको विभाग ने निर्देश दिया है कि इन सभी का जियो टैगिंग करें और आस-पास के लोगों से यह लिखवा लें कि वहां जाकर आपने चापाकल ठीक किया है.
– मुख्यालय स्तर पर नियंत्रण कक्ष पर फोन करें. अगर यहां से शिकायत का निबटारा दो दिनों में नहीं हो, तो उसकी शिकायत सीधे मंत्री सेल में कर सकते है. 0612-2547222, 2545739, 2547171, 2547111, टॉल फ्री नंबर 18001231121 है.
शिकायतों पर हो रही कार्रवाई
पेयजल संकट नहीं हो, इसको लेकर बिहार के सभी जिलों में काम चल रहा है. इसकी हर 15 दिनों में रिपोर्ट ली जा रही है. जहां से शिकायत मिल रही है, वहां सबसे पहले काम किया जा रहा है.
– विनोद नारायण झा, मंत्री, पीएचइडी

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