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पटना सिटी : गम में डूबे मंडी के व्यवसायियों ने बंद रखे प्रतिष्ठान
अमिताभ श्रीवास्तव व्यवसायी बोले-मिलनसार निशांत ने ऐसा कदम क्यों उठाया, कह नहीं सकते पटना सिटी : झाउगंज में स्थित कपड़ा की थोक मंडी रामबाग में जैसे ही यह मनहूस खबर पहुंची कि व्यापारी ने परिवार के साथ आत्महत्या कर ली है. मंडी के व्यापारियों में शोक समा गया. रामबाग कपड़ा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रमण […]
अमिताभ श्रीवास्तव
व्यवसायी बोले-मिलनसार निशांत ने ऐसा कदम क्यों उठाया, कह नहीं सकते
पटना सिटी : झाउगंज में स्थित कपड़ा की थोक मंडी रामबाग में जैसे ही यह मनहूस खबर पहुंची कि व्यापारी ने परिवार के साथ आत्महत्या कर ली है. मंडी के व्यापारियों में शोक समा गया. रामबाग कपड़ा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रमण केडिया की अध्यक्षता व महासचिव अनंत अरोड़ा के संचालन में व्यापारियों ने शोकसभा करते हुए मंडी को बंद रखने का निर्णय लिया.
संघ के उपाध्यक्ष थे निशांत : अध्यक्ष व महासचिव ने बताया कि निशांत सर्राफ उर्फ निशु मंडी में संघ के उपाध्यक्ष थे. मिलनसार व मृदुभाषी निशांत ने ऐसा कदम क्यों उठाया, कहा नहीं जा सकता है. जो कुछ भी हुआ घटना दुखद है.
सभा में कोषाध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह, मनोज सुल्तानियां, ललित जैन समेत अन्य ने इसे दुखद बताया. व्यापारियों ने बताया कि मंडी में उनका धोली सती टेक्टाइल नामक प्रतिष्ठान थी. जिसमें निशु बैठते थे, हालांकि खेतान मार्केट में 29 मई को मॉल खुलने के बाद से निशु तीन जून से मॉल में ही बैठने लगा था.
घटना पर नहीं हो पा रहा विश्वास
मददगार, मिलनसार व हसमुख प्रवृति का निशांत उर्फ निशु सर्राफ ने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह सहसा विश्वास नहीं होता है. निशांत से जुड़े लोगों में शामिल मारवाड़ी सेवा समिति के अध्यक्ष संजीव देवड़ा बताते है कि जब वो मारवाड़ी युवा मंच में अध्यक्ष थे, तब निशु मंच में उपाध्यक्ष था, अभी समिति में वो सदस्य है. अतीत को याद कर वो कहता है कि निशु की सामाजिक गतिविधियों में हमेशा भागीदारी रहती थी.
ठंड के मौसम में गरीबों के बीच कंबल का वितरण करने, छठ के समय पूजन सामग्री बांटने व राहगीरों के लिए वाटर कूलर लगाने का काम किया. इतना ही नहीं बेटी की शादी के लिए मदद मांगने आये लोगों को भी निशु निराश नहीं करता था.
डेढ़ साल पहले लिया था पिस्टल का लाइसेंस
परिचितों व परिजनों की मानें, तो निशु ने महज डेढ़ साल पहले 2017-18 के समय में ही पिस्टल का लाइसेंस लिया था. उस समय पटना में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350 वां प्रकाश पर्व के आयोजन की तैयारी हो रही थी. उसी अवधि में उसने लाइसेंस लिया था. लेकिन कौन जानता था कि यही पिस्टल उसकी जान ले लेगा.
ससुर का है चावल का कारोबार
निशु के ससुर का राइस मिल चावल का कारोबार था. अतीत को याद करते हुए जानने वाले कहते है कि आखिर क्या वजह रही कि उसने ऐसा कदम उठाया. परिजनों व परिचितों ने बताया कि निशु दो भाई था, बडा भाई अमित सर्राफ व छोटा निशांत सर्राफा था. दोनों भाई ने दून पब्लिक स्कूल में अपनी पढ़ाई की.
दो जून को लौटा था न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलिया घूमकर
परिजनों व परिचितों की मानें, तो खेतान मार्केट में खुले मॉल के उद्घाटन 29 मई को हुई थी. इससे तीन दिन पहले ही निशांत परिवार के साथ विदेश घुमने के लिए गया था. परिचितों ने बताया कि निशांत न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलिया के साथ लंदन घूमते हुए दो जून को इंडिया लौटा था. इसके बाद रामबाग के प्रतिष्ठान में नहीं बैठ कर खेतान मार्केट में खुले मॉल में ही बैठता था.
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