सीएम नीतीश ने समीक्षा बैठक में दिया निर्देश, जहां से शराब पकड़ाये, वहां के थानेदार को 10 साल तक नहीं दें थाने में पोस्टिंग
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को नेक संवाद में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि शराबबंदी के प्रति हमलोगों का कमिटमेंट है. शराबबंदी को लेकर सभी अधिकारियों-कर्मियों और लोगों से फिर से संकल्प कराया जाये. शपथपत्र लिया जाये. सभी थानों से लिखित में लिया […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को नेक संवाद में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि शराबबंदी के प्रति हमलोगों का कमिटमेंट है.
शराबबंदी को लेकर सभी अधिकारियों-कर्मियों और लोगों से फिर से संकल्प कराया जाये. शपथपत्र लिया जाये. सभी थानों से लिखित में लिया जाये कि उनके इलाके में शराब का अवैध कारोबार नहीं हो रहा है. इसके बाद जिन इलाकों में शराब पकड़ी जायेगी, उन थानेदारों-पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी. 10 साल तक थाने में पोस्टिंग नहीं दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि सिर्फ रूटीन काम से कामयाबी नहीं मिलेगी, बल्कि इसके लिए गहराई में जाकर धंधेबाजों पर कार्रवाई करनी होगी. इस काम में आइजी प्रोहिबिशन के साथ-साथ इंटेलिजेंस, एक्साइज, स्पेशल ब्रांच और पुलिस सभी को लगाइये ताकि जल्द से जल्द धंधेबाजों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके.
मुख्यमंत्री ने शराब के अवैध कारोबार में लिप्त धंधेबाजों के खिलाफ की गयी कार्रवाई, गिरफ्तारी, जिलावार शराब की जब्ती, विभागीय उपलब्धियां, प्रोहिबिशन सेंटर की कार्यशैली, चेकपोस्ट पर सक्रियता, मॉनीटरिंग मैकेनिज्म आदि की विस्तार से जानकारी ली.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो लोग अवैध शराब के कारोबार में पकड़े जा रहे हैं, वे पहले किस धंधे में लगे थे या शराबबंदी से पहले जो शराब के कारोबार में लगे थे, वे अब शराबबंदी के बाद कौन-सा व्यवसाय कर रहे हैं, इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान कर कार्रवाई की जाये. शराब के अवैध धंधे में लिप्त बड़े कारोबारियों और सप्लायरों को चिह्नित किया जाये. शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए आइजी प्रोहिबिशन तंत्र को अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है.
सीएम ने कहा कि हरियाणा और अन्य राज्यों का लेबल लगाकर पड़ोसी राज्यों से ही बिहार में शराब की आपूर्ति तो नहीं हो रही है, इस दिशा में भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
माफिया गिरोह और धंधेबाज पकड़े जायेंगे, तभी शराब के अवैध कारोबार पर पूरी तरह पाबंदी लगेगी. आइजी प्रोहिबिशन को निर्देश दिया कि यदि कार्रवाई में कमी हो रही है, तो वे खुद अनुसंधान कर कार्रवाई करें. शराबबंदी को स्थायी रूप से कारगर बनाने के लिए निरंतर अभियान चलाने की आवश्यकता है.
बैठक में ऊर्जा, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार और सचिव मनीष कुमार वर्मा व अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पुलिस महानिदेशक सीआइडी विनय कुमार, मुख्यमंत्री सचिवालय के अपर सचिव चंद्रशेखर सिंह सहित उत्पाद एवं पुलिस विभाग के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
शराबबंदी से िबहार में सामाजिक परिवर्तन
नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के कारण बिहार में सामाजिक परिवर्तन आया है और महिलाओं व बच्चों को काफी राहत मिली है. सभी एक्शन और डेडिकेशन के साथ इस काम में लगें. तभी कामयाबी मिलेगी.