पटना : अब सड़क बनवाना भी सेवा के अधिकार में हो जायेगा शामिल

आरटीपीजीएस में पथ निर्माण विभाग व ग्रामीण कार्य विभाग की सेवाएं पटना : राज्य सरकार अब सड़कों की देखभाल और इस बनवाने का अधिकार भी आम जनता को देने जा रही है. अब पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग की सड़क निर्माण से जुड़ी सेवा को आरटीपीजीएस (राइट टू पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम) में शामिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2019 8:53 AM
आरटीपीजीएस में पथ निर्माण विभाग व ग्रामीण कार्य विभाग की सेवाएं
पटना : राज्य सरकार अब सड़कों की देखभाल और इस बनवाने का अधिकार भी आम जनता को देने जा रही है. अब पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग की सड़क निर्माण से जुड़ी सेवा को आरटीपीजीएस (राइट टू पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम) में शामिल किया जा रहा है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस पर जल्द ही कैबिनेट के स्तर पर मंजूरी मिलने जा रही है. इसके बाद यह लागू हो जायेगा.
शिकायत करने पर 24 से 48 घंटे में बनेगी सड़क : इस नयी व्यवस्था के तहत अब किसी भी राज्य या जिला स्तरीय सड़क की शिकायत करने पर, इसे 24 से 48 घंटे के अंदर बना देना होगा.
अगर कहीं भी सड़क पर गड्ढे पाये जाते हैं, तो गड्ढे वाले स्थान का सही लोकेशन के साथ इसकी शिकायत विभाग से कोई भी व्यक्ति कर सकते हैं. इसके बाद इसे निर्धारित समय सीमा के अंदर विभाग के स्तर पर भर दिया जायेगा. सेवा का अधिकार कानून के अंतर्गत इसे शामिल करने पर राज्य सरकार के अधीन आने वाली किसी तरह की सड़क को अधिकतम 21 दिन या इससे कम समय में बना देना है. अगर ऐसा नहीं होता है, तो संबंधित ठेकेदार और इंजीनियर पर कार्रवाई की जायेगी.
एनएच की कोई भी सड़क इसमें शामिल नहीं
राज्य में अभी आरटीपीजीएस कानून के तहत 490 तरह की विषयों पर सेवाएं मुहैया करायी जाती हैं. इन विषयों पर लोग शिकायत कर सकते हैं, जिसकी सुनवाई करके 21 दिनों के अंदर इसका निबटारा करने की अनिवार्यता रखी गयी है. अब जल्द ही इसमें दो सेवाएं जुड़ने जा रही हैं.
सेवा का अधिकार अधिनियम में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मौजूद सड़कों का रख-रखाव करना कानून अनिवार्य हो गया है. इस वजह से पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों को इस अधिनियम में शामिल कर दिया गया है. सिर्फ पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाली 13 हजार 200 किमी सड़कों का संधारण या मेंटेनेंस इसके तहत होगा.
इसी तरह से ग्रामीण कार्य विभाग के तहत भी आने वाली सभी ग्रामीण सड़कें भी इसमें शामिल होंगी. सिर्फ एनएच की कोई भी सड़क इसमें नहीं शामिल होंगी. पथ निर्माण विभाग ने अपनी सड़कों पर लगातार नजर रखने के लिए इसकी वीडियोग्राफी कराने का निर्णय लिया है. साथ ही प्रत्येक चार महीने के अंतराल पर पूरी सड़क की वीडियोग्राफी करवायी जायेगी, ताकि 13 हजार 200 किमी की सड़कों की सतत मॉनीटरिंग हो सके.

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