पटना : मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि इस कुव्यवस्था के लिए सीएम नीतीश कुमार की सरकार ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है. अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच का यह खामियाजा है. सरकार की लचर और भ्रष्ट व्यवस्था तथा स्वास्थ्य मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से गरीबों के 1000 से ज्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गयी है.
राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 14 बरस से ये लोग बिहार में राज कर रहे हैं. हर साल बीमारी से हजारों बच्चे मरते हैं, लेकिन बताते सैकड़ों में हैं. फिर भी रोकथाम का कोई उपाय नहीं है, समुचित टीकाकरण नहीं है. दवा और इलाज का सारा बजट ईमानदार सुशासनी घोटालों की भेंट चढ़ जाता है. बिहार का बीमार स्वास्थ्य विभाग खुद आइसीयू में है.
बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए राबड़ी देवी ने कहा है कि यहां डबल इंजन की सरकार है. इतनी मौतों के बाद अब केंद्र और प्रदेश के मंत्री क्या नृत्य करने चार्टर्ड फ्लाइट्स से मुजफ्फरपुर जा रहे हैं? जब अस्पताल के दवाखानों में दवा की जगह कफन रखे हैं, डॉक्टर नहीं हैं, तो क्यों नहीं बीमार बच्चों को एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाते हैं?
राबड़ी देवी ने कहा कि केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कुतर्क गढ़ रहे हैं. एक कहते हैं, ‘मैं मंत्री हूं, डॉक्टर नहीं, मरते बच्चे क़िस्मत का खेल हैं’ और फिर उसी किस्मत को लात मार बिस्कुट खाते बेशर्मी से मैच का स्कोर पूछते हैं. एक प्रेस मीटिंग में ही सो रहे हैं. लीची को दोषी बताते हैं, भगवान की आपदा बताते हैं. क्या 14 वर्ष से राज कर रहे मुख्यमंत्री की हजारों बच्चों की मौत पर कोई जवाबदेही नहीं? कहां है गरीबों के लिए पांच लाख तक के मुआवजे का एलान करनेवाले?
राबड़ी देवी ने कहा कि हम इस नाजुक समय में राजनीति नहीं करना चाहते लेकिन गरीब बच्चों का समुचित इलाज करना सरकार का धर्म और दायित्व है. मुख्यमंत्री सदा की तरह मौन हैं. मुजफ्फरपुर में 40 बच्चियों के साथ सत्ता संरक्षण में जनबलात्कार किया गया, तब भी मौन थे. मुजफ्फरपुर में ही भाजपाई नेता द्वारा 30 मासूमों को कार से कुचला तब भी मौन और हर वर्ष की भांति फिर हजारों बच्चों की चमकी बुखार से मौत पर भी चुप हैं.
एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था सीएम की महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच, लचर व भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार एवं भ्रष्ट आचरण के कारण ग़रीबों के 1000 से ज़्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गयी है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) June 18, 2019
14 बरस से ई लोग बिहार में राज कर रहा है। हर साल बीमारी से हज़ारों बच्चे मरते है लेकिन बताते सैंकड़ों है। फिर भी रोकथाम का कोई उपाय नहीं, समुचित टीकाकरण नहीं। दवा और इलाज का सारा बजट ईमानदार सुशासनी घोटालों की भेंट चढ़ जाता है। बिहार का बीमार स्वास्थ्य विभाग ख़ुद ICU में है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) June 18, 2019
बिहार में डबल इंजन की सरकार है। इतनी मौतों के बाद अब केंद्र और प्रदेश के मंत्री क्या नृत्य करने चार्टर फ़्लाइट्स से मुज़फ़्फ़रपुर जा रहे है? जब अस्पताल के दवाखानों में दवा की जगह कफ़न रखे है, डॉक्टर नहीं है तो क्यों नहीं बीमार बच्चों को Air-Ambulance से दिल्ली ले जाते?
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) June 18, 2019
केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कुतर्क गढ़ रहे है। एक कहता है मैं मंत्री हूँ, डॉक्टर नहीं। मरते बच्चे क़िस्मत का खेल है। और फिर उसी क़िस्मत को लात मार बिस्कुट खाते बेशर्मी से मैच का स्कोर पूछता है।एक प्रेस मीटिंग में ही सो रहे है। लिची को दोषी बताते है।भगवान की आपदा बताते है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) June 18, 2019
मुख्यमंत्री जी सदा की तरह मौन है। मुज़फ़्फ़रपुर में 40 बच्चियों के साथ सत्ता संरक्षण में जनबलात्कार किया गया तब भी मौन थे। मुज़फ़्फ़रपुर में ही भाजपाई नेता द्वारा 30 मासूमों को कार से कुचला तब भी मौन और हर वर्ष की भाँति फिर हज़ारों बच्चों की चमकी बुखार से मौत पर भी चुप।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) June 18, 2019
क्या 14 वर्ष से राज कर रहे मुख्यमंत्री की हज़ारों बच्चों की मौत पर कोई जवाबदेही नहीं?कहाँ है ग़रीबों के लिए 5 लाख तक के मुफ़्त इलाज की प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना?
हम इस नाज़ुक समय में राजनीति नहीं करना चाहते लेकिन ग़रीब बच्चों का समुचित इलाज करना सरकार का धर्म और दायित्व है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) June 18, 2019