अपडेट नहीं होने से ऑनलाइन दाखिल-खारिज व लगान जमा करने में हो रही परेशानी
पटना : राज्य में लगभग 85 लाख डिजिटाइज्ड जमाबंदियों के अपडेट नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है. जमाबंदी पंजी में जमीन के रकबा से संबंधित जानकारी नहीं है. इससे ऑनलाइन दाखिल-खारिज व लगान जमा करने में कठिनाई हो रही है. इसे दूर करने के लिए सरकार ने 85 लाख जमाबंदी पंजी को अगस्त 2019 तक अपडेट करने का निर्णय लिया गया है.
राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने जमाबंदी पंजी में खेसरावार विवरणी दर्ज कराने के लिए अंचलाधिकारियों को अधिकृत किया है. इसके लिए सॉफ्टवेयर में प्रावधान किया गया है. सभी डीएम को जमाबंदी पंजी को अपडेट कराने के लिए अंचलाधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहा गया है.
राज्य में जमीन के दाखिल खारिज में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने व वास्तविक जमीन की तहकीकात को लेकर जमीन की जमाबंदी पंजी का कंप्यूटराइजेशन हुआ. ताकि जमीन विवाद के मामले निबटारे में सहूलियत हो सके.
राज्य के सभी डीएम को दिये गये हैं निर्देश
मृत व्यक्तियों के नाम हटेंगे
मृत व्यक्तियों के नाम से जमाबंदी पंजी में दर्ज विवरणी विधिवत खारिज होगा. वर्तमान में जमीन को कानूनी रूप से धारित करने वाले के नाम से जमाबंदी कायम होगी. जमाबंदी में खाता, खेसरा, रकबा, चौहद्दी व जमीन लगान दर्ज करना है. क्षतिग्रस्त जमाबंदी पंजी को फिर से तैयार कर उसका डिजिटाइजेशन करने के लिए कहा गया है.
ये हैं परेशानियां
ऑनलाइन दाखिल-खारिज के निष्पादन मामले में कठिनाई.
लगान जमा करने में दिक्कत.
जमीन विक्रेता के नाम से
जमाबंदी कायम नहीं होने से रजिस्ट्री में दिक्कत.
मृत व्यक्तियों के नाम पर जमाबंदी कायम रहने पर दाखिल-खारिज में कठिनाई.
खेसरावार रकबा स्पष्ट नहीं.
ये होंगी सुविधाएं
जमीन विवाद में कमी आयेगी.
लगान जमा करने में सहूलियत.
जमाबंदी पंजी खेसरावार रकवा होने से जमीन बिक्री में दिक्कत नहीं होगी.
जमीन के ट्रांसफर में सुविधा होगी.
ऑनलाइन दाखिल-खारिज के निष्पादन में तेजी आयेगी.